पुलिस का हत्यारा, पचास हजार का इनामियां अपराधी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में गत माह आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या किये जाने की घटना के मुख्य आरोपियों में से एक बाल गोविंद दुबे उर्फ लालू को एसटीएफ ने चित्रकूट से धर दबोचा। उस पर पचास हजार रुपये का पुरस्कार घोषित था। वह भेष बदलकर चित्रकूट में साधु के भेष में छिपा हुआ था और लोगों को अपना नाम भोला बताया था।
एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, कानपुर के बिकरू गांव का निवासी लालू को सोमवार को कर्वी थाना क्षेत्र स्थित परिक्रमा मोड़ से अपनी गिरफ्त में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ में लालू ने बताया कि पिछली दो-तीन जुलाई की दरम्यानी रात को बिकरू गांव में हमला करके आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में वह विकास दुबे के साथ शामिल रहा था।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के अनुसार, लालू ने बताया कि मोहिनी निवादा निवासी उसके दामाद विनीत शुक्ला का जादेपुर गासा के रहने वाले राहुल तिवारी से जमीन को लेकर तथा घर की ही एक युवती के साथ भाग जाने को लेकर विवाद था। तिवारी ने इसी मामले में विकास दुबे और उसके साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने वारदात वाली रात को दुबे के घर पर दबिश देने गयी थी, जहां विकास दूबे ने अपने साथियों संग गोली बरसाकर व हमला कर आठ पुलिसकर्मियों को मार डाला था।
बताते चलें कि लालू की गिरफ्तारी विकास दुबे के एक अन्य साथी उमाकांत उर्फ गुड्डन द्वारा आत्मसमर्पण किये जाने के बाद हुई है। इससे पहले, दयाशंकर अग्निहोत्री, श्यामू बाजपेयी, शशिकांत, मोनू और शिवम दुबे समेत कई अभियुक्त गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
वहीं, बिकरू कांड मामले में विकास दुबे और उसके साथी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, बउवा दुबे, प्रेम कुमार पाण्डेय और अतुल दुबे पुलिस और एसटीएफ के साथ हुई अलग—अलग मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।

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