जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात को कराएं स्तनपान
गाजीपुर। विश्व स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत जिला महिला अस्पताल के सभागार में आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीसी मौर्या ने दीप प्रज्वलित कर किया।
उन्होंने कहा कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान है यदि नवजात को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करा दिया जाए तो उस नवजात की आयु बढ़ जाती है और शारीरिक और मानसिक विकास भी तेजी से होता है।
बताते चलें कि अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य महिला समुदाय में स्तनपान के प्रति जागरूकता पैदा करना है। इसमे प्रायः तीन बिन्दुओं पर ज़ोर देना है, पहला -नवजात को जन्म के एक घंटे के अंदर माँ का पहला गाढ़ा दूध पिलाना, दूसरा – जन्म से छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाना और तीसरा – छह माह से दो साल या उससे अधिक स्तनपान के साथ पूरक आहार देना है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान एवं कार्य को दृढ़तापूर्वक एकसाथ करने का समर्थन देता है। साथ ही इसका उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना है। वहीं कार्यालयों में भी इस प्रकार का माहौल बनाना की स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधाएं न हो।
उन्होंने कहा कि स्तनपान से अनेकों फायदे हैं। माँ का दूध नवजात के शारीरिक तथा मानसिक विकास के साथ ही डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाता है। शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार एवं शिशु का मौलिक अधिकार भी है। मां का दूध कम से कम दो वर्ष तक जारी रखना अति आवश्यक है। दो साल के बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषण तत्व प्राप्त करता है। स्तनपान कराने से भूख एवं कुपोषण की रोकथाम में मदद मिल सकती है।
इस कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा, महिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ तारकेश्वर, डीपीएम प्रभुनाथ, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ के के सिंह, सीएमओ कार्यालय के लिपिक अमित राय, एसएनसीयू के डॉक्टर और आशा कार्यकर्ती और स्टाफ नर्स शामिल रहीं।
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