काकोरी काण्ड के अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को जयंती पर शत् शत् नमन

झूम उठा फंदा देख, आजादी का मतवाला ,
चूम लिया फंदे को ही,आजादी दिलाने को।
असफाक संग मिल, आजादी तराना गाया,
गोरों से था भिड़ गया, गुलामी हटाने को।
एकता का काम किया, जुल्म सहा गया नहीं,
शेखर का साथ दिया, गोरों को भगाने को।
कुर्बानी सीखी हमने, बिस्मिल शहादत से,
आजादी के लिए लूटा, काकोरी खजाने को।

अशोक राय वत्स ©® स्वरचित Arv36
8619668341, रैनी, मऊ, उत्तरप्रदेश

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