चन्द्र ग्रहण आज रात को.

वाराणसी, 05 जून 2020। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, इस वर्ष कुल छह ग्रहण लगेंगे। ग्रहण से सम्पूर्ण प्रकृति प्रभावित होती है। इसका प्रभाव मानव जाति पर भी पड़ता है। सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण का अलग-अलग राशियों पर अलग प्रभाव पड़ता है।
इस वर्ष का पहला ग्रहण चन्द्र ग्रहण था जो 10 जनवरी की रात 10 बजकर 37 मिनट से आरम्भ होकर रात 2 बजकर 42 मिनट तक था। उस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 06 मिनट रही। वह चंद्रग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीक, एशिया और आस्ट्रेलिया में देखा गया।
आज लगने वाला ग्रहण भी चन्द्र ग्रहण है जो मध्य रात्रि को 11 बजकर 15 मिनट से आरम्भ होकर रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 19 मिनट रहेगी। यह चंद्रग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीक, एशिया और आस्ट्रेलिया में देखा जाएगा।
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक यह जयेष्ठ माह की पूर्णिमा को लगने वाला यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र पर लगेगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण है जो अधिक प्रभावशाली नहीं होता है।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है। आज रात ग्रहण के दौरान चन्द्रमा मटमैला सा दिखाई देगा। इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होता है।
चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें।
.उपछाया चंद्र ग्रहण के कारण चंद्रमा के आकार में किसी भी तरह का कोई भी परिवर्तन नहीं होगा बल्कि उस समय चंद्रमा की एक धुंधली सी तस्वीर दिखेगी।

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