कोविड-19 ! जंग में अन्वेषक बने छात्र

नयी दिल्ली, 15 मई 2020। कोविड-19 के संक्रमण से मुक्ति की जंग में देश के वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों के साथ साथ स्कूली छात्र भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
कोरोना से बचने के लिए किसी ने एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकने वाले वेंटिलेटर बनाए हैं तो किसी ने बगैर छुए ही बजने वाली दरवाजे की घंटी बनाई है।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली के शालीमार बाग के मॉडर्न पब्लिक स्कूल में 11वीं के छात्र सार्थक जैन ने, बिना छुए ही बजने वाली दरवाजे की घंटी बनाई है। इस घंटी में अल्ट्रासोनिक सेंसर लगे हुए हैं, जिसके चलते बाहर से आने वाले व्यक्ति को घंटी छूने की जरूरत नहीं पड़ती। सार्थक ने कहा कि दरवाजे की घंटी से वायरस के संक्रमण का खतरा होता है। हम दिन में जितने बार इसका इस्तेमाल करते हैं, उतने बार ही घंटी को छूना पड़ता है, इसलिए वायरस के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए यह घंटी कारगर है। यह 30 से 50 सेमी की दूरी के भीतर किसी व्यक्ति या वस्तु की उपस्थिति का पता लगा सकती है। इसके बाद, किसी व्यक्ति के बिना छुए यह खुद ही बज जाती है।
वहीं दिल्ली के ही एमिटी इंटरनेशल स्कूल में नौवीं कक्षा के छात्र शिवम मुखर्जी ने ‘अभय’ नामक हाथ में बांधने वाला फीता तैयार किया है, जिससे संक्रमण को दूर रखा जा सकता है।
शिवम का कहना है, ‘इस फीते को आसानी से कलाई में बांधा जा सकता है। इसमें सेंसर और यूवी लाइट लगी हुई है। जब इसे पहना हुआ कोई व्यक्ति किसी संक्रामक वस्तु को छूता है कि तो यह फीता यूवी लाइट और एल्कोहल से निर्मित स्प्रे से उसके हाथ को संक्रमण मुक्त कर देता है।’ उन्होंने कहा, यह फीता कंप्यूटर से चलता है और ऐप के जरिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, जब स्प्रे खाली हो जाए तो इसे दोबारा भरा जा सकता है। मैंने इसका नाम अभय रखा है जिसका मतलब है निडर।’
इसी प्रकार,हरियाणा केटं अंबाला के दो भाइयों कार्तिक और विनायक तारा ने लकड़ी से वेंटिलेटर तैयार किया है जिसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसे कोविड-19 रोगियों और उनका इलाज कर रहे चिकित्सा कर्मियों के बीच भौतिक दूरी का ख्याल रखते हुए तैयार किया गया है।

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