सूर्य ग्रहण ! वर्ष का अंतिम ग्रहण कल
वाराणसी(उत्तर प्रदेश),25 दिसम्बर 2019। वर्ष 2019 विक्रम संवत 2076 का अंतिम सूर्यग्रहण पौष मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या 26 दिसंबर दिन गुरुवार को कंकड़ाकृति रुप में दर्शनीय होगा।
यह ग्रहण मूल नक्षत्र तथा धनु राशि पर लगेगा, इससे यह लोग विशेष प्रभावित होंगे। धनु राशि में 6 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु, शनि एवं केतु मौजूद होंगे। जिस व्यक्ति का जन्म धनु राशि व मूल नक्षत्र में हुआ है उनके लिए यह ग्रहण शुभ नहीं होगा।
बताया गया है कि ग्रहण का स्पर्शकाल भारतीय मानक समय अनुसार 26 दिसम्बर गुरुवार को प्रातः 8:00, मध्यकाल 10:48 पर तथा मोक्षकाल 12:36 पर होगा। बताया गया है कि सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व ही आरंभ हो जाता है। खंडग्रास रुप में यह सूर्य ग्रहण पूर्वी यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया, उत्तर पूर्व आस्ट्रेलिया, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी भाग, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के कुछ क्षेत्र सहित सऊदी अरब,बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, उत्तर पूर्वी पाकिस्तान, अरब सागर तथा दक्षिण भारत, श्रीलंका, सुमात्रा,मलेशिया, इंडोनेशिया सिंगापुर के कुछ भागों समेत अनेक देशों में दर्शनीय होगा।
भारतवर्ष में यह सूर्य ग्रहण स्पर्श के समय कुछ स्थानों पर दिखाई पड़ेगा। देश के अलग-अलग स्थानों पर सूर्योदय के समय के अलग-अलग होने से मोक्षकाल भी अलग अलग हो जाएगा। ग्रहण आरंभ होने के 12 घंटा पूर्व सूतक काल के आरंभ होने से पूर्व ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं।धार्मिक मान्यता है कि सूतक काल शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं होता है।
इस वर्ष का यह आखिरी सूर्यग्रहण पूरे देश में देखा जा सकेगा। इस वर्ष कुल पांच ग्रहण लगे जिसमें तीन सूर्य और दो चंद्रग्रहण थे। हिन्दू धर्मावलंबियों में ग्रहण का खास महत्व है। इसको लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। ग्रहण के मोक्षकाल के उपरांत गंगास्नान,पूजा पाठ व दान करना चाहिए।
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