उपलब्धि ! ‘ग्लोबल कीपर’ पुरस्कार से सम्मानित हुए मोदी

न्यूयॉर्क, 25 सितम्बर 2019। ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ ने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘ग्लोबल गोलकीपर’ पुरस्कार से सम्मानित किया।
बताते चलें कि मोदी सरकार ने दो अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के जन्मदिन के दिन यह स्वच्छता अभियान शुरू किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट में देश वासियों को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मुझे यह पुरस्कार दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है।’’ प्रधानमंत्री ने यह सम्मान उन भारतीयों को समर्पित किया, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जन आंदोलन में बदला और स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की। उन्होंने कहा कि यह इसी का ही नतीजा था कि बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। इसी का नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज वह बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शौचालय न होने की वजह से अनेक बच्चियों को अपनी स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती थी। हमारी बेटियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन शौचालय की कमी, उन्हें स्कूल छोड़कर घर बैठने के लिए मजबूर कर रही थी।’’ देश की गरीब महिलाओं को, बेटियों को इस स्थिति से निकालना मेरी सरकार का दायित्व था और हमने इसे पूरी शक्ति, पूरी ईमानदारी से निभाया।’’
मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे बताया गया है कि ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ की एक रिपोर्ट में भी आया है कि भारत में ग्रामीण स्वच्छता बढ़ने से बच्चों में ह्दय संबंधी बीमारियां कम हुई हैं और महिलाओं के ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) में भी सुधार आया है।’’

महात्मा गांधी का स्वस्छता का सपना पूरा होने पर खुशी जाहिर करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वह अब पूरा होने जा रहा है। गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वह पूरी तरह स्वच्छ हो। आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने संविधान पर बात करते हुए कहा, ‘‘ भारत ने दशकों तक सिर्फ संवैधानिक संघवाद ही देखा था। हमारी सरकार ने इसे सहकारी संघवाद में बदलने का प्रयास किया और समय के साथ अब हम प्रतियोगी- सहकारी संघवाद के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। ’’ “वसुधैव कुटुम्बकम्” के सिद्धांत को दोहराते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ हम अपने अनुभव को, अपनी विशेषज्ञता को, दुनिया के दूसरे देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।’’

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