गजल – हमारी याद में आकर …..

हमारी याद में आकर,हमें अपना बना लेना।
कभी हमें याद करके तुम, भी कुछ सपने सजा लेना।।

मुहब्बत के ककहरे का,अभी नहीं ज्ञान है हमको।
अगर हम फिसल भी जाएं, तो तुम हमको उठा लेना।।

मुहब्बत तुमसे है हमको, यह अपने दिल को समझाना।
अगर दिल मान जाए तो , गले हमको लगा लेना।।

दुनिया के जज्बातों का, नहीं कोई इल्म है हमको।
यदि रूठें कभी तुमसे, हमें आकर मना लेना।।

अगर न ऐतबार हो ,यहां आकर आजमाना तो।
फिर भी रास न आए तो, फिर दामन छुड़ा लेना।।

सुनो इस वत्स की बातें, हमारी हर खुशी तुम हो।
हमारी हर नज्म है तुमसे, जिसे चाहो सुना लेना।।

  <strong>रचना - अशोक राय 'वत्स'</strong>

रैनी (मऊ), उत्तरप्रदेश मो.नं. 8619668341

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