आश्चर्यजनक सत्य! विश्व का सबसे बड़ा व सबसे छोटा बीज और सबसे बड़े वृक्ष की तस्वीर कुम्भ मेले में बनी आकर्षण का केंद्र

प्रयागराज(उत्तर प्रदेश),10 फरवरी 2019। इस वर्ष का कुंभ मेला पूरे विश्व में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अनेक विभिन्नताओं के बावजूद विविधता में एकता का संदेश देने वाले कुम्भ में डुबकी लगाने विश्व के असंख्य श्रद्धालुओं ने संगम में अपनी हाजिरी दर्ज कराई है। मेले में अनेकों विभागों की प्रदर्शनी लगी है जिससे लोगों को नवीनतम जानकारियां उपलब्ध हो रही हैं। इसी क्रम में पर्यावरण मंत्रालय का पंडाल आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।पर्यावरण मंत्रालय ने लोगों को देश में मौजूद वन संपदा के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से यह पंडाल लगाया है। मेला क्षेत्र के सेक्टर एक में स्थापित इस पंडाल में विश्व के सबसे बड़े बीज को प्रदर्शित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 30 किलोग्राम के दरियाई नारियल के इस बीज को देखने हेतु तांता लगा हुआ है। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के वैज्ञानिक डाक्टर शिव कुमार ने बताया कि दरियाई नारियल का पेड़ कोलकाता के भारतीय वनस्पति उद्यान में सन 1894 में लगाया गया था जिसमें 112 साल बाद फूल आया। उन्होंने बताया कि दरियाई नारियल का पेड़ पूर्वी अफ्रीका के केवल दो द्वीप में ही पाया जाता है और यह रेड डाटा लिस्ट में सूचीबद्ध है, क्योंकि यह विलुप्त होने के कगार पर है। वर्तमान में यह पादप समुदाय में दुनिया का सबसे बड़ा बीज है।
डा. शिव कुमार के अनुसार इस पेड़ का जीवनकाल 1,000 वर्ष का है और इसमें फूल को फल बनने में 10 वर्ष का समय लगता है।
बताते चलें कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पंडाल में विश्व के सबसे बड़े बीज के अतिरिक्त अति सूक्ष्म बीज भी प्रदर्शित किया गया है जो ऑर्किड का 799 माइक्रॉन का बीज है। यह माइक्रोस्कोपिक बीज है और इसे माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।
पंडाल का दूसरा आकर्षण विश्व के सबसे बड़े वृक्ष की तस्वीर है जो कोलकाता के वनस्पति उद्यान में मौजूद है। उसकी गोलाई 1.08 किलोमीटर है।
डॉक्टर शिव कुमार ने बताया कि इस विशालतम बरगद के वृक्ष में 4,000 जड़े हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पेड़ बगैर मुख्य तने के जीवित है क्योंकि वर्ष 1925 में इस पेड़ के तने निकाल दिए गए थे।

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