लोकपाल ! समिति करे फरवरी तक नाम की सिफारिश

नयी दिल्ली, 17 जनवरी 2019। देश के प्रथम लोकपाल की नियुक्ति हेतु नामों के पैनल की अनुशंसा करने की समय सीमा उच्चतम न्यायालय ने फरवरी के अंत तक निर्धारित कर दी। इस खोजबीन समिति के प्रमुख उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजन प्रकाश देसाई हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि खोजबीन समिति को आवश्यक सुविधाएं और श्रम बल मुहैया कराया जाए ताकि वह अपना काम पूरा कर सके।
पीठ में न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति एस के कौल भी शामिल रहे। इस मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी। केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि आधारभूत ढांचे की कमी और श्रम बल जैसी कुछ समस्याएं हैं जिस कारण से खोजबीन समिति मुद्दे पर विचार-विमर्श नहीं कर सकी।
ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय ने चार जनवरी को केंद्र सरकार को लोकपाल की नियुक्ति के लिए अभी तक उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा देने के निर्देश दिए थे। न्यायालय ने इस बारे में धीमी प्रगति पर आपत्ति जताई थी। गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने वेबसाइट पर खोजबीन समिति के सदस्यों के नाम तक उजागर नहीं किए हैं। खोजबीन समिति नामों को चयन समिति के पास भेजेगी जिसमें प्रधानमंत्री, सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता, लोकसभा अध्यक्ष और एक प्रमुख न्यायविद शामिल हैं।
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने 27 सितम्बर 2018 को न्यायमूर्ति देसाई की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय खोजबीन समिति का गठन किया था ताकि समिति लोकपाल की नियुक्ति के लिए चयन समिति के पास नामों की अनुशंसा भेज सके। खोजबीन समिति में भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व प्रमुख अरूंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए. सूर्यप्रकाश, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख ए एस किरण कुमार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सखा राम सिंह यादव, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख शब्बीर हुसैन एस. खांडवावाला, राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ललित के पंवार और पूर्व सोलीसीटर जनरल रंजीत कुमार शामिल हैं।

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