मुन्ना बजरंगी हत्याकांड !पंचतत्व में विलीन हुए पीपी

जौनपुर (उत्तर प्रदेश),10 जुलाई 2018। बागपत जेल में सोमवार की प्रातः चाय की चुस्कियों के बीच विवाद के दौरान गोलियों से छलनी माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी शातिर अपराधी सुनील राठी को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया।

आरोपी हत्यारे सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की हत्या कबूल की और बताया कि सुबह चाय के दौरान कहासुनी और झगड़े के मध्य मुन्ना बजरंगी ने उसे मारने के लिए पिस्टल निकाल ली और तब आत्मरक्षा के लिए उसने मुन्ना बजरंगी की पिस्टल छीन उसी से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और पिस्टल को गटर में फेंक दिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने वहां के गन्दे गटर से आलाकत्ल भी बरामद कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से बागपत जेल लाया गया ताकि उसे अगले दिन सोमवार को बागपत कोर्ट में पेश किया जा सके। लेकिन उसके पहले ही सोमवार की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इस सम्बन्ध में जेल अधीक्षक ने सुनील राठी पर प्राथमिकी दर्ज करायी कि उसने गोली मारकर मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी है।पुलिस को गंदे गटर से पिस्टल बरामदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मशीन व सफाई कर्मचारियों की मदद से कई घंटे की मेहनत के बाद गटर से पानी और कीचड़ को निकाला गया और फिर मैगनेट की मदद से पिस्टल व मैगजीन बरामद की गयीं। घटना की जानकारी होते ही प्रदेश सरकार ने कड़ी कारर्वाई करते हुए वहां के जेलर सहित चार जिम्मेदार लोगों को सस्पेंड कर दिया तो वहीं घटना की मजेस्ट्रेटीयल जांच के आदेश जारी किये। जांच दल अपने अपने एंगल से घटना से जूड़े पहलूओं की बारिकी से जांच में लगा हुआ है।
हत्यारोपी सुनील राठी उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया डॉन है जिसके ऊपर भी अनेकों आपराधिक मामले दर्ज हैं । इसके पूर्व वह उत्तराखंड के छितरौली विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुका है।
उधर माफिया डान मुन्ना बजरंगी का शव बागपत से आज सबेरे करीब सवा सात बजे भारी सुरक्षा के बीच उनके पैतृक गांव जौनपुर जिले के सुरेरी थाना क्षेत्र के पूरे दयाल पहुंचा। शव पहुंचते ही परिजन समेत ग्रामीणों और क्षेत्रीय लोगों में कोहराम मच गया। इस दौरान मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह सफेद साड़ी में नजर आईं।परिजनों व परिचितों के करुण क्रंदन से वहां का पूरा माहौल गमगीन रहा और लोग आक्रोशित नजर आये।बाद में उनके शव को पैतृक गांव से वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कर के लिए लाया गया जहां तकरीबन 12 बजे दोपहर में मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र समीर ने दी। अंतिम संस्कार के दौरान मणिकर्णिका घाट पर बड़ी संख्या में उनके शुभचिंतक मौजूद रहे।

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