चालबाजी! बेसिक शिक्षा विभाग, अंतरजनपदीय स्थानांतरण में खेल

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) ,30 जून 2018 । प्रदेश सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा अपने कार्यों में किया जानेवाला खेल पूर्व की भांति अब भी जारी है। इसकी बानगी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले में खुलकर देखने को मिली। इसमें विभागीय लोगों द्वारा जमकर धांधली हुई है। मजेदार बात तो यह रही कि जिन शिक्षकों का आवेदन बीएसए कार्यालय द्वारा नियम विरुद्ध होने पर निरस्त कर दिया गया था, उनका भी स्थानांतरण निदेशालय स्तर से कर दिया गया है। पता चला है कि अब तक तीन शिक्षक ऐसे पाये मिले हैं। इसकी जानकारी विभाग को तब हुई जब वे यहां से रिलीव होने के लिए उन तीनों शिक्षकों ने अपनी फाइल बीएसए कार्यालय में जमा की थी।

ज्ञातव्य है कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण हेतु बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से आनलाइन आवेदन मांगा था। स्थानांतरण चाहनेवाले शिक्षकों ने आनलाइन आवेदन कर उसकी हार्ड कापी बीएसए कार्यालय में जमा किया। आवेदन पत्रों की जांच के दौरान कई आवेदन नियमों के अनुरूप नहीं मिले तो उनके आवेदन निरस्त कर दिये गये। निरस्त आवेदन शिक्षक पूजा द्विवेदी, सरिता व योगेंद्र सिंह यादव के रहे । ये तीनों शिक्षक पहले भी अंतरजनपदीय स्थानांतरण का लाभ ले चुके हैं और नियमानुसार अंतरजनपदीय स्थानांतरण का लाभ एक से अधिक बार नहीं दिया जा सकता है। इन तीनों शिक्षकों का आवेदन निरस्त होने के बावजूद फिर उनका स्थानांतरण कैसे और किन परिस्थितियों में हो गया ? स्थानांतरण के बाद जब ये शिक्षक रिलीव होने के लिए अपनी फाइल बीएसए कार्यालय में जमा कर दिए ,तब मामले का खुलासा हुआ। इतना ही नहीं बल्कि कहा तो यह भी गया है कि इस बार हुए अंतरजनपदीय स्थानांतरण में एक ऐसे भी शिक्षक पकड़ में आये हैं, जिन्होंने आवेदन तो किया ही नहीं परन्तु उनका स्थानांतरण गैर जनपद हो गया है। पता चला है कि इन बातों का खुलासा होने के बाद विभाग इनकी अपने स्तर से जांच में जूटा हुआ है।

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