आत्महत्या ! नहीं रहे आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ….. 

नई दिल्ली , 12 जून 2018 ।विख्यात आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज 50वर्ष ने आज मंगलवार को अपने आश्रम में कथित रूप से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद आनन फानन में भय्यूजी को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।बताया गया है कि मरने से पहले भय्यूजी महाराज ने अंग्रेजी में लिखे सुसाइड नोट में लिखा है कि ‘ मैं बहुत तनाव में दुनिया छोड़ रहा हूं। कोई मेरे परिवार की जिम्मेदारी ले। मैं तनाव से तंग आ चुका हूं।’
अाध्यात्म की दुनिया में आने से पहले बहुमुखी प्रतिभा के धनी भय्यूजी को लोग उदय सिंह देशमुख के नाम से जानते थे। भय्यूजी का जन्म 1968 में शाजापुर के शुजालपुर में एक जमींदार परिवार में हुआ था। भय्यूजी का झुकाव अध्यात्म और दर्शन के प्रति बचपन से ही रहा। गांव से निकलकर भय्यूजी मुंबई में प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में अपना करियर बनाया और नामी-गिरामी कंपनियों के लिए विज्ञापन किया। अाध्यात्म की तरफ झुकाव के चलते उन्होंने दुनियादारी छोड़कर इंदौर में सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं परमार्थ ट्रस्ट की स्थापना की और धार्मिक कार्यों में जुट गए। भय्यूजी की यह संस्था महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में सामाजिक कार्य करती है। संस्था ने भूमि सुधार, पेयजल और बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है। इसके अलावा भय्यूजी की कई बार राजनीतिक सक्रियता भी निभाई। उन्होंने संगठनों और सरकार के बीच मध्यस्थता का भी काम किया है। भय्यूजी महाराज को मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही राज्य मंत्री को दर्जा दिया था लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया था।

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