विधान परिषद चुनाव 2018

लखनऊ (उत्तर प्रदेश),9 अप्रैल 2018। विधान परिषद की रिक्त हो रही 13 सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 अप्रैल निर्धारित है। 17 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच और 19 अप्रैल तक नाम वापसी के काम हो सकेंगे।
यदि आवश्यक हुआ तो मतदान 26 अप्रैल को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक और उसके बाद उसी शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा और बसपा विधायक दल के नेता सुनील कुमार चित्तौड़ सहित 13 सदस्यों का कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो रहा है जबकि अम्बिका चौधरी के त्याग पत्र से एक सीट पहले से ही खाली है। विधिक और राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधान परिषद के चुनाव निर्विरोध भी हो सकते हैं क्योंकि विधान परिषद की एक सीट के लिए 29 विधायकों के मतों की आवश्यकता होती है। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा और सहयोगी दलों के 11 सदस्य निर्विरोध चुने जाएंगे तो वहीं विपक्षी दलों के दो सदस्य भी चुने जा सकेंगे । वर्तमान समय में विधानसभा में सहयोगियों समेतबीजेपी के 324, सपा के 47, बसपा के 19, कांग्रेस के 7, रालोद का 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। जेल में बंद बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी और सपा विधायक हरिओम यादव के मताधिकार पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखा है तो वहीं, राज्य सभा में क्रॉस वोटिंग के आरोप में बसपा विधायक अनिल सिंह पार्टी से निलंबित है और रालोद ने भी अपने एकलौते विधायक सहेंद्र रामाला को निष्कासित कर दिया है। इस स्थिति में सपा, बसपा और कांग्रेस के पास 70 विधायकों का वोट है और बीजेपी के पास 311, अपना दल एस के पास 9 और भासपा के चार मत सहित बीजेपी गठबंधन के पास 324 मत हैं। बीजेपी को 11 विधायक जिताने के लिए 319 मत चाहिए। जबकि उसके पास 324 मत हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस को बाकी बचे दो सदस्यों को जिताने के लिए 58 मतों की आवश्यकता है, उसके पास 70 मत हैं।

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