बदलाव ! शासनिक दस्तावेजों में बाबा साहेव का वास्तविक नाम हुआ दर्ज

लखनऊ यूपी के सरकारी रिकार्ड में बदला बाबा साहब आंबेडकर का नाम, विपक्ष ने किया विरोध*
लखनऊ (उत्तर प्रदेश),29 मार्च 2018। प्रदेश सरकार ने अब सरकारी दस्तावेजों में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर नाम के स्थान पर अब उनके वास्तविक नाम ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ दर्ज करने का शासनादेश जारी कर दिया है। इस सन्दर्भ में प्रमुख सचिव (सामान्य प्रशासन) जितेन्द्र कुमार ने प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और विभागाध्यक्षों को कल जारी शासनादेश जारी कर दिया । शासनादेश में कहा है कि संविधान की आठवीं अनुसूची (अनुच्छेद 344(1) और-351) भाषाएं में अंकित नाम का संज्ञान लेते हुए शासन ने विचारोपरांत प्रदेश के सभी दस्तावेजों में अंकित ‘डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर’ का नाम संशोधित करके ‘डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर’ करने का निर्णय लिया है।
शासनादेश में सम्बन्धित सभी अधिकारियों से अपने-अपने विभाग के अभिलेखों में अम्बेडकर का नाम संशोधित करके भीमराव रामजी आंबेडकर करने के निर्देश दिये हैं। शासनादेश की प्रति राज्यपाल राम नाईक के प्रमुख सचिव, सभी मण्डलायुक्तों और सभी जिलाधिकारियों को भी भेजी गयी है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल राम नाईक ने पहले भी अम्बेडकर के स्थान पर आंबेडकर लिखने की जोरदार वकालत की थी कि इस महापुरुष ने संविधान के दस्तावेज पर जो हस्ताक्षर किये थे उसमें अम्बेडकर के बजाय आंबेडकर ही लिखा था। नाईक ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर महासभा को पत्र लिखकर यह जानकारी दी थी। राज्य सरकार के इस कदम पर सपा नेता अनुराग भदौरिया ने सरकार पर आंबेडकर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि वह दलित मतदाताओं को लुभाने के लिये ऐसा कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि भाजपा सिर्फ नामों का अनुसरण करती है, उस व्यक्ति के काम का अनुसरण नहीं करती। सिर्फ नाम पर काम करना चाहते हैं। जरूरी है कि भाजपा संविधान को बचाने और उसे मजबूत करने का काम करें। विपक्ष के आरोपों पर राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर किये हैं। जो उनका सही नाम है।अब लोग उनका सही नाम ही लिखा करें।भाजपा ने इतना ही किया है। सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग उनके सिद्धान्तों का दिखावा करते रहे हैं। वे उनका सही नाम ले ही नहीं पा रहे थे। आज वह सही तरीके से बुलाया जा रहा है। कम से कम जो सही किया गया है उसकी सराहना करें। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पिता का नाम बीच में लिखा जाता है। हमें खुशी है कि हमने आंबेडकर का सही नाम लिखा।

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