बासंतिक नवरात्रि ! प्राकृतिक उर्जा और नवचेतना से भरपूर काल है मां की उपासना का .

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश), 24 मार्च 2018। नवरात्र में मां का पूजन अर्चन करने से असीम उर्जा तथा नव चेतना की प्राप्ति होती है।बासंतिक नवरात्र मां शक्ति की आराधना, साधना, उपासना तथा वैदिक अनुष्ठान का महापर्व है। प्रकृति देेवता है जो प्राणी को सदैव कुुुछ न कुछ देता रहता है।


उक्त बातें सिद्ध पीठ हथियाराम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज ने क्षेत्र के हरिहरपुर के प्रसिद्ध काली धाम परिसर में आयोजित यज्ञ अनुष्ठान के बीच भक्तजनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नवरात्र का समय अत्यंत पावन होता है। इस समय प्रकृति में सकारात्मक उर्जा की अधिकता होती है।इसी उर्जा को धारण करने से वनस्पतियों में फूल ,फल आकर नयेपन का बोध कराते हैं। इसी समय मानव भी पूजन व उपासना से अपनी शारीरीक शक्तियों को अपने कार्यों से अपनी पुरानी उर्जा को रिचार्ज करता है।ऐसी उर्जा से भरपूर खुशनुमा समय में भक्ति भाव से की गयी मां की उपासना कभी व्यर्थ नहीं जाती। कहा कि उपासना का मतलब समीप बैठना है मां के सम्मुख बैठकर ध्यान लगाकर एकाग्र मन से अन्तःकरण की शुद्धि करना ही उपासना है।जिस प्रकार दूध में मक्खन है पर दिखता नहीं है ।उसे पाने के लिए मेहनत से मंथन करना होता है,उसी प्रकार ईश्वर को पाने के लिए भी अपने भटकते मन पर काबू कर उसे गुरु कृपा से मथना पड़ता है।इसलिए हमें नवरात्र में व्रत रखकर भक्ति भाव से मां का पूजन अर्चन करना चाहिए।इससे हमें अपनी विकृतियों को त्याग कर सत्कर्मों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।कहा कि उपासना एक विज्ञान है जिसकी मदद से आत्मशक्ति का विकास होता है।शरीर में स्फूर्ति व नवचैतन्यता के साथ नयी चेतना का संचार होता है। फर्जी बाबाओं पर चल रही अखाड़ों की कारर्वाई पर कहा कि कोई भी व्यक्ति आत्मकल्याणार्थ या लोक कल्याणार्थ संत बनता है। इसी में लोक कल्याण की भावना दर्शा कर कुछ बाबा संत समाज को अपने कर्मों से कलंकित करते हैं और अध्यात्म को व्यवसाय बनाकर , जनता को भ्रमित कर अमर्यादित कार्यों से संत समाज को कलंकित करते हैं, ऐसे लोगों पर नियंत्रण के लिए अखाड़ा बनाया गया है।ऐसे ही लोगों पर नियंत्रण हेतु अखाड़े हैं।इस समय तेरह अखाड़े हैं जो स्वतंत्र इकाई रूप में कार्य करते हैं, वे संतो की नियंत्रक इकाई है।
हरिहरपुर गांव स्थित प्रसिद्ध मां काली धाम परिसर में विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी भवानीनंदन यती जी महाराज के निर्देशन में इस वर्ष भी ग्यारह कुंडिय यज्ञ अनुष्ठान की धूम मची है।हजारों की संख्या में भक्त जन प्रतिदिन संध्या समय विद्वानों के प्रवचनों से तथा प्रभु की बाल लीला की प्रस्तुति का दर्शन कर अपने को धन्य कर रहे हैं।

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