अवैध हास्पिटल संचालन पर उठी कार्रवाई की मांग
स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही तंद्रा
ओम हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के बाद अब न्यू ओम नाम से हो रहा अवैध संचालन
गाजीपुर। ओम हास्पिटल बरहपुर नंदगंज का रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के बावजूद अब वहीं पर न्यू ओम हास्पिटल के नाम से अवैध लोगों की मिलीभगत से धड़ल्ले से अस्पताल चलाया जा रहा है।
इसकी शिकायत ओम हास्पिटल के संचालक पंचम यादव ने सीएमओ कार्यालय में भी की लेकिन विभागीय अधिकारियों के कानों पर जुं नहीं रेंगी। लोग चुटकी लेकर कहते हैं कि विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से ही अवैध हॉस्पिटल का संचालन हो रहा है। शायद अवैध संचालकों से मिलने वाली मोटी रकम ने विभागीय अधिकारियों को मौन रहने पर मजबूर कर दिया है।
बताते चलें कि गत एक मार्च को इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया था और बताया गया था कि कोई भी गतिविधि होती है तो संचालक पंचम यादव जिम्मेदार होंगे।
इसके बाद जब वहां न्यू ओम हास्पिटल संचालित होने लगा और इसकी जानकारी पंचम को हुई तो उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर बताया कि वहां अब न्यू ओम हास्पिटल के नाम से अस्पताल चलाया जा रहा है। उस हास्पिटल में राजू कुशवाहा, सरिता राजभर, प्रवीण कुशवाहा व अन्य रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के बाद भी हास्पिटल संचालित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उक्त हास्पिटल परिसर में पूर्व में शिवांगनी हास्पिटल जो जच्चा बच्चा की मौत होने के उपरांत सील हुआ था। संचालक राजू कुशवाहा तथा गाजीपुर शहर का आराध्या हास्पिटल जो जच्चा बच्चा की मौत के उपरांत सील हुआ था। अस्पताल की संचालिका सरिता राजभर थीं। वहीं पता चला कि दुल्लहपुर क्षेत्र के जलालाबाद स्थित जय पवहारी बाबा अवैध हास्पिटल का संचालन भी इसमें शामिल है।
शिकायतकर्ता पंचम यादव ने सीएमओ डॉ देश दीपक पाल से निवेदन किया कि अब ओम, न्यू ओम या ओम नाम से समायोजित शब्द से उस परिसर में नया रजिस्ट्रेशन न दिया जाए व
अवैध रूप से चल रहे हास्पिटल को सील कर तीनों सहयोगियों को हास्पिटल परिसर से बाहर निकाला जाय। उन्होंने बताया कि अगर कोई घटना उक्त परिसर में घटती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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