व्यवहारिक अध्यात्म से समाज में परिवर्तन लाना मानव धर्म प्रसार का उद्देश्य

गाजीपुर। समाजसेवी संस्था मानव धर्म प्रसार मिठ्ठापारा जंगीपुर शाखा का वार्षिक सम्मेलन श्रीगंगा आश्रम बएपुर देवकली के पूज्य संत महामंडलेश्वर बापू जी महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। ब्रह्मलीन संत सदगुरु परमहंस बाबा गंगाराम दास ने अध्यात्म को व्यवहारिक जीवन का विषय बताते हुए यह व्यवस्था की थी। 

सज्जनों का संघ तैयार कर व्यवहारिक अध्यात्म से समाज में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से मानव धर्म प्रसार की शाखाएं गाजीपुर के विभिन्न क्षेत्रों के अतिरिक्त वाराणसी, कोलकाता, फरीदाबाद, मुंबई,गुजरात आदि स्थानों में भी लग रही हैं।

         कार्यक्रम का शुभारंभ मानव धर्म के ध्वजारोहण, सदगुरु के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन से हुआ। बापू जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, मनुष्य की एकमात्र खोज सुख की है परंतु सुख पाने का मार्ग धर्ममय जीवन है।  इस जीवन का आरंभ विचारों से मनुष्य बनने से होता है। मनुष्य बनने का आरंभ दूसरों को सुख देने से होता है। सर्वभूतहिते रता:। श्रीभगवान राम ने अहिल्या जैसी समाज के द्वारा उपेक्षिता को भी अपना स्नेह देकर वास्तविक धर्म प्रेम का परिचय दिया।

          विद्वान विचारक माधव कृष्ण ने कहा कि, सच्चा आध्यात्मिक व्यक्ति सरदार भगत सिंह की भांति क्रांतिकारी होता है जो अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी मैला उठाने वाले के हाथ से भोजन करने का आग्रह करके समाज को भेदभाव मिटाने का संदेश देता है। वह भले नास्तिक हो लेकिन वही सच्चा धार्मिक है। क्रांतिकारी का दो लक्षण है, आलोचना और स्वतंत्र विचार। इन दो लक्षणों के अभाव में हम धर्म को पारलौकिक वस्तु बना दी है जबकि धर्म समग्र जीवन का नाम है, 24 घंटे पूरे साल। नौकरी, परिवार, कृषि, राजनीति इत्यादि सभी धर्म के अंग हैं और इसलिए एकमात्र अपने कर्म से ईश्वर की आराधना करनी चाहिए। स्व कर्मणा तम अभ्यर्च्य। निर्मल मन जन सो मोहि पावा। ईश्वर का संदेश यही है और यही शास्त्रों का आदेश है, अपने मन को निर्मल करना, यही अध्यात्म है।

      अतिथियों का स्वागत ग्रामवासियों ने अंगवस्त्र और पुष्पहार से किया। रघुनाथपुर जमानियां से आए भक्तों के समूह ने प्रकाशगीत, जागरणगीत गाकर जनसमुदाय को मानव धर्म का दीप जलाए रखने की प्रेरणा दी।अंत में सभी को एक पंक्ति में बैठा कर भोजन प्रसाद दिया गया ताकि समरसता का संदेश मिले और जातीय और सांप्रदायिक संकीर्णताएं समाप्त हों।

     कार्यक्रम में आयोजकों की ओर से ग्राम प्रधान ओमप्रकाश यादव त्रिभुवन , सतिराम, उपेंद्र, सर्वेश, पंकज एवम समस्त ग्रामवासी  इत्यादि उपस्थित रहे।

Visits: 61

Leave a Reply