संत की साधना स्थली से ऊर्जावान होता है क्षेत्र

साधना स्थली की ऊर्जा से क्षेत्र होता है ज्ञान से प्रकाशित
आजमगढ़। दुर्वासा महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन रामलाल दास जी (मौनी बाबा) की छठवीं पुण्य तिथि पर शम्भुपुर गहजी में आयोजित सन्त सम्मेलन में सन्त महात्मा व विद्वजनों की उपस्थिति में मौनी बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

समारोह के मुख्य अतिथि जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर सिद्धपीठ हथियाराम गाज़ीपुर के पीठाधिपति श्री स्वामी भवानी नन्दन यति जी महाराज रहे। उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वृक्ष जब हरा रहता है तो उस पर पक्षी आकर बैठते हैं। मौनी बाबा की यह साधना स्थली श्रद्धा और भक्ति भाव से परिपूर्ण होने के कारण आज भी हरी भरी है इसीलिए यहां आज सन्त समागम हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अप्रतिम है। मौनी बाबा की साधना और मां शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस के मुखिया फौजदार सिंह के पुरुषार्थ का प्रतिफलन ये संस्थाएं आज ग्रामीण क्षेत्र में ज्ञान का प्रसार कर रही हैं।आज के समारोह में क्षेत्रीय जनता की उपस्थिति सिद्ध संत के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रदर्शित कर रही है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंधक ने महाराज श्री का माल्यार्पण,स्मृतिचिन्ह एवम् उत्तरीय भेंट कर स्वागत अभिनन्दन किया। कार्यक्रम को इंजीनियर अनिल नारायण सिंह एवं अटल बिहारी वाजपेई हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल कार्यपरिषद के सदस्य प्रोफ़ेसर आनन्द सिंह ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पी जी कालेज भुड़कुड़ा गाजीपुर के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. सन्तोष कुमार मिश्र, कथावाचक मंगला सिंह, सुशील सिंह , डॉ. आनन्द कुमार मिश्र, संत अभयानंद जी व सत्यानंद जी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सतीशचंद्र डिग्री कालेज बलिया के प्रोफ़ेसर सानंद सिंह ने किया।

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