एआरएम की शह पर चोरी के आरोपी को मिली सिक्योरिटी कैमरों की चाबी

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के डिपो में प्राइवेट सेवा प्रदाता आयुषी कंपनी ने चोरी के आरोपी को नियुक्ति देकर प्रश्न खड़ा कर दिया है। बताया गया कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के एआरएम वी के पांडेय की सह पर सेवा प्रदाता आयुषी कंपनी के कर्मी विक्की वर्मा को सिक्योरिटी कैमरों की चाबी सौंपी गयी है। जबकि विक्की वर्मा के ऊपर प्रिंटर चोरी का आरोप है। उसका आरोप पत्र सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह वही विक्की वर्मा है जो विगत वर्षों पहले सेवा प्रदाता रही ट्राईमैक्स कंपनी में बीटीएस एफएफएमई का कार्य करता था। आरोप पत्र की मानें तो इनके ऊपर प्रिंटर चोरी का आरोप भी लगाया जा चुका है। इतना सब कुछ होने के बाद भी विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से अपने आचरण पर पर्दा डालकर डिपो के एआएएम को अपने मोहपाश में फांस कर अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आता है। सूत्रों के अनुसार डिपो एआएएम वीके पांडेय ने डिपो परिसर में लगे सिक्योरिटी कैमरे की चाबी इसी कर्मी के हवाले कर दिया है। अब सवाल उठना लाजमी है कि अगर डिपो में किसी चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? विभागीय लोग चुटकी ले रहे हैं कि आखिर किस लाभ में एआरएम गाजीपुर ने चोरी के आरोपी को कैमरे की निगरानी के लिए लगाया ? आखिर उसने एआरएम को कौन सी पट्टी पढ़ाई है कि उस पर इतना मेहरबान हो गये हैं? अगर भविष्य में यह कर्मी चोरी या घोटालेबाजी में संलिप्त पाया जाता है तो इसमें एआरएम की भूमिका क्या होगी? सूत्रों की मानें तो डिपो परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे परिसर व कर्मचारियों की निगरानी व यात्रियों की परेशानी को देखने के लिए लगे हैं और इसकी चाबी एक आरोपी के हवाले है। कहावत है कि बिल्ली को दूध की रखवाली के लिए लगा दिया जाए तो क्या दूध बच पाएगा उसी तरह एक चोर डिपों की निगरानी के लिए लगा दिया जाए तो क्या अपनी आदत से बाज आएगा। वहीं प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्रियों के बीच गाजीपुर डिपो पूछताछ ऑफिस भी चर्चा ए खास की सुर्खियां बटोर रहा है। आये दिन जन चर्चाएं सुनने को मिलती हैं कि जब कोई यात्री पूछताछ केंद्र में बसों जानकारी लेने जाता है तो वहां ऑफिस के अंदर बैठकर कुछ लोग मौज मस्ती करते और गप्पे लड़ाते मिलते हैं।

Visits: 266

Leave a Reply