अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य 

गाज़ीपुर। भगवान भाष्कर के पूजन अर्चन और लोक आस्था का महापर्व डाला छठ का पहला अर्घ्य रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को विधि विधान के साथ परम्परागत रूप से दिया गया। व्रती सौभाग्यशाली महिलाओं ने परिवार और समाज के सुख, समृद्धि और आरोग्यता की कामना के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।

इस अवसर पर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के गंगा सहित विभिन्न नदियों, पोखरों व नहर के किनारे बनी बेदियों पर सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा छठ गीतों के गायन के साथ दीप जलाकर पूजन अर्चन किया गया। वहीं अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर अनेकों स्थानों पर व्रती महिलाओं ने कोसी भरण का कार्य गाजे बाजे के साथ पूर्ण किया।


इससे पूर्व जिलाधिकारी आर्यका अखौरी एवं पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने डाला छठ के पावन पर्व पर संध्याकाल मे गंगा घाट पर नाव के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। अधिकारी द्वय द्वारा कलक्टर घाट होते हुए सिकंदरपुर घाट, पीरनगर, बड़ा महादेवा घाट, छोटा महादेवा, गोराबाजार घाट तक नाव सेमाध्यम से भ्रमण किया। मौके पर एस पी सिटी गोपीनाथ सोनी, उप जिलाधिकारी सदर प्रतिभा मिश्रा, क्षेत्राधिकारी सदर गौरव कुमार, ई ओ नगर पालिका एवम अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।


सादात से मिली जानकारी के अनुसार,नगर के टाउन एरिया पोखरा, थाना पोखरा, भोला साह पोखरा, महावीर पोखरा, कोइरिया पोखरा, अमरहिया पोखरा सहित ग्रामीणांचल के विभिन्न सरोवरों के किनारे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना किया। मन्नत पूरी होने पर लोग बैंडबाजे के साथ तो कई महिलाएं लेटते हुए घाटों पर पहुंची। वहीं आगामी निकाय चुनाव लड़ने वाले चेयरमैन और सभासद पद के भावी प्रत्याशियों ने घाटों पर उपस्थित होकर व्रतियों को पर्व की बधाई देने के साथ ही चाय-काफी आदि की व्यवस्था कराई थी। थानाध्यक्ष सादात प्रवीण कुमार यादव हमराहियों संग चक्रमण करते रहे। ऐसी मान्यता है कि छठ व्रतियों में सूर्य की परावैगनी किरणों में वह ऊर्जा विद्यमान हो जाती है कि व्रतियों को पूरे साल बीमारियों से दूर रहता है। चर्म रोगों में छठ का व्रत विशेष लाभकारी माना जाता है।

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