कैदियों को तम्बाकू, धूम्रपान और शराब के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु किया जागरूक

गाजीपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव, श्रीमती कामायनी दूबे, द्वारा तम्बाकू, धूम्रपान और शराब के दुष्प्रभाव एवं महिला स्वच्छता विषय पर शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण किया गया।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में मंगलवार को जिला कारागार में सचिव द्वारा बंदियों को तम्बाकू, धूम्रपान और शराब के दुष्प्रभाव एवं महिला स्वच्छता हेतु जागरूक किया गया। उन्होंने उपस्थित समस्त बंदियों को नालसा द्वारा नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन योजना 2015 के तहत तम्बाकू से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया तथा निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। उन्होंने बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 1234 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 1083 पुरूष, 54 महिला बंदियों के साथ कुल 3 बच्चे निरूद्ध है व 97 अल्पवयस्क है। सुबह का नाश्ता-चना, चाय, दोपहर का भोजन-रोटी, चावल, अरहर की दाल, सब्जी (आलू,भिण्डी),
शाम का भोजन-रोटी, चावल, चना, उर्द की दाल, सब्जी (आलू, बैगन, चौलाई)। सचिव द्वारा पुरूष एवं महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया तथा जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया।
सचिव ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। बैरक एवं कारागार परिसर में साफ-सफाई, मच्छरों के बचाव के लिए छिड़काव के लिए निर्देशित किया गया।

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