मौनी अमावस्या – माघ मास का महापर्व

एक फरवरी को होगी मौनी अमावस्या-आचार्य श्रीकांत शास्त्री
प्रयागराज। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह में गंगा,यमुना और सरस्वती सहित पवित्र नदियों में स्नान-दान व पूजन-अर्चन का विशेष महत्व होता है।
    कहा गया है कि माघ मास के मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखकर पूजन-अर्चन, स्नान-ध्यान करने से पूरे एक माह के पूजन अर्चन के लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन एकान्तवास में मनोयोग से ध्यान व साधना आदि करने से आध्यात्मिक शुद्धि एवं ईश कृपा प्राप्त होती है। इसी दिन महर्षि मनु ऋषि का जन्मदिवस भी माना जाता है, इसलिए इस दिन को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मनुष्य को छल, प्रपन्च, निंदा आदि से बचना चाहिए। माघ मास के महापर्व मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर ईश्वर का ध्यान करने पर एक विशेष शक्ति की प्राप्ति होती है।
         धार्मिक ग्रंथों, शास्त्रों एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री के अनुसार माघ मास के मौनी अमावस्या पर पूजा-अर्चना व संगम सहित अन्य  नदियों मे स्नान दान करने से भगवान सूर्यनारायण की कृपा प्राप्त होती है तथा इन दिनों नदी में स्नान करने से स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग भी मिलने का फल प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या पर वृद्ध, अशक्त, कमजोर, मजबूर, बच्चे, बीमार व्यक्ति भी चाहे तो मन को शान्त रखकर अपने घर के जल में संगम सहित पवित्र नदियों के अमृत रूपी थोड़े से जल डालकर स्नान करके ईश्वर का ध्यान करते हैं तो उनको भी वही फल प्राप्त होगा। महापर्व मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य देने (जल चढाने) से एवं 108 बार तुलसी परिक्रमा करने से समस्त प्रकार के दुःख, कष्ट, गरीबी व दरिद्रता का नाश होता है।
       माघ मास के हर दिन को शुभ एवं पर्व माना जाता है। महापर्व मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
इस वर्ष माघ अमावस्या तिथि 31 जनवरी को दोपहर में 2 बजकर 20 मिनट से आरम्भ होकर 1 फरवरी को दिन में 11 बजकर 18 मिनट तक होगी। स्थान भेद के कारण यह समय थोड़ा आगे पीछे भी हो सकता है। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष माघ माह का महापर्व मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022 दिन मंगलवार को मनाने का योग है। इस दिन सूर्य तथा चन्द्रमा गोचरवश मकर राशि में आते हैं और इस दिन उपासना करने से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष- इन चारों पुरुषार्थों की सहज प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भौतिक सुख- सुविधाओं व भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति होती है।

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