सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने छोड़ी समाजवादी पार्टी, डिप्टी स्पीकर पद से दिया इस्तीफा

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बिगुल बजने के साथ ही बीच जमीनी और दमदार नेताओं के पार्टी छोड़ने का क्रम अभी भी जारी है। जोड़ तोड़ की राजनीति में हर राजनीतिक दल लगा हुआ है। वह दुसरे दलों के दमदार नेताओं को अपने पाले में लाने में लगा है तो वहीं अपने नेताओं के दूसरे दलों का दामन थामने से सदमें का शिकार हो रहा है।
  सपा संस्थापक मुलायम सिंह की पुत्रवधू अर्पणा यादव ने समाजवादी राजनीति को तिलांजलि देते हुए भाजपा में शामिल हो गयीं। अभी यह बात थमीं भी नहीं कि अब सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
         बताते चलें कि नितिन लंबे समय से समाजवादी पार्टी से नाराज थे। भारतीय जनता पार्टी ने उनका विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव में समर्थन किया था। नितिन अग्रवाल वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के पुत्र हैं। नरेश अग्रवाल 2007 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर हरदोई जिले की सदर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में नरेश ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, फिर समाजवादी पार्टी ने 2008 में हुए उपचुनाव में नितिन को मैदान में उतारा और तब से नितिन लगातार विधायक हैं। 2012 में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो नितिन को राज्यमंत्री बनाया था।
     उल्लेखनीय है कि हरदोई से नरेश अग्रवाल सात बार विधायक रह चुके हैं। 2017 के बाद नरेश राज्यसभा जाना चाहते थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने तजब्बो नहीं दी तो नरेश अग्रवाल ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद नितिन की भी दूरिया सपा हाईकमान से बढ़ती गईं। वहीं 2021 में यूपी विधानसभा में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस दौरान नितिन को प्रत्याशी बनाकर समाजवादी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया। समाजवादी पार्टी नितिन अग्रवाल का न तो विरोध कर सकी और न ही समर्थन, और नितिन अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के मतों से चुनाव जीते थे।
    राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, नितिन अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

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