विधिक साक्षरता कार्यक्रम में दी गयी जानकारी

गाजीपुर। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के तत्वाधान में तथा जनपद न्यायाधीश के आदेशानुसार वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन कर विधिक जानकारी दी गई। इस अवसर पर पूर्णकालिक सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर ने वृद्धजन आवास/वृद्धाश्रम की पूर्णतयाः जानकारी ली तथा परिसर में साफ-सफाई एवं वृद्धजन के ठण्ड से बचाव रखने हेतु प्रबंधक श्रीमती ज्योत्सना को निर्देशित किया गया।
   सचिव, महोदया देश और समाज में लड़कियों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए हर साल बालिका शिशु दिवस मनाया जाता है। लड़कियों को ज्यादा समर्थन और नए मौके देने के लिए 2008 में इसकी शुरूआत की गई। तब से इसे हर साल मनाया जाता है। देश में लड़कियों को कई तरह के अधिकार प्राप्त है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर बन सके। बावजूद इसके आज भी देखने को मिलता है कि लड़कियों के साथ भेदभाव अभी भी समाज में बना हुआ है। कुछ भेदभाव तो उनके दिए गए अधिकारों की जानकारी न होने के कारण भी होते हैं। बालिका शिशु के महत्व और भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना उनके स्वास्थ्य, सम्मान, शिक्षा, पोषण आदि से जुडे़ मुद्दों तथा पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक ;च्ब्च्छक्ज्द्ध अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भू्रण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग  निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोडे़ या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है के बारे में चर्चा की गयी। बुजुर्गो के अधिकारों के बावत बताया कि माता-पिता व वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के तहत अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक जो कि अपने आय अथवा अपनी संपत्ति के द्वारा होने वाली आय से भरण-पोषण करने में असमर्थ है। वे अपने व्यस्क बच्चों अथवा ऐसे संबंधितों से भरण-पोषण करने हेतु आवेदन कर सकते है तथा वृद्धा पेंशन एवं विधवा पेंशन न मिलने के विषय में बताया गया तथा माह जनवरी 22, 2022 में प्रस्तावित प्री-लिटिगेशन स्पेशल लोक अदालत के बारे में बताया गया कि वैवाहिक प्रकृति के वादों में पति-पत्नी अथवा नजदीकी रिश्तेदार प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में दे सकते है। पक्षकारों के मध्य सुलह-समझौता कराने का प्रयत्न पीठ द्वारा किया जाएगा।

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