न्याय पालिका ने मनाया मानवाधिकार दिवस

गाजीपुर।अर्न्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  प्रशान्त मिश्र की अध्यक्षता में मनाया गया।
        जनपद न्यायालय के विडियों कान्फ्रेसिंग कक्ष में समस्त न्यायिक अधिकारियों, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की उपस्थित में जनपद न्यायाधीश द्वारा समस्त अधिकारीगण व कर्मचारीगण को मानवाधिकार दिवस में निष्ठा रखने एवं अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु अपने विचारों से अवगत कराया।
   उन्होंने बताया कि 10 दिसम्बर 1948 में संयुक्त राष्ट्र सामान्य महासभा ने मानव अधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा वर्ष 1950 में की गई। इसमें स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है।
      पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण राहुल कुमार कात्यायन ने बताया कि 10 दिसम्बर का दिन दुनिया भर में अर्न्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सभी देशों और संबंधित संगठनों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की थी। मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार है जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीय, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित नही किया जा सकता।
     अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामसुध सिंह ने कहा कि मानवाधिकार दिवस मनाने का मकसद लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक और शिक्षा का अधिकर भी शामिल है। मानव अधिकार इंसान को जन्म से ही प्राप्त हैं इन्हे पाने में जाति, लिंग, धर्म, भाषा, रंग तथा राष्ट्रीयता आडे़ नही आते। वहीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश ई0सी0 एक्ट,डा0 लक्ष्मीकांत राठौर द्वारा बताया गया कि मानवाधिकार दिवस 2021 का थीम असमानताओं को कम करना और मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना है। इस वर्ष का विषय ”समानता” और यूडीएचआर के अनुच्छेद एक से संबंधित है। इसके मुताबिक ”सभी मनुष्य स्वतंत्र और सम्मान और अधिकारों के मामले में एक समान है।
     सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग)/प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, स्वप्न आनन्द द्वारा मानवाधिकार के घोषणा पत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, भोजन और मनोरंजन ये बुनियादी हक रखता है। अगर इंसान को ये सभी अधिकार नही मिलते तो माना जाता है कि मानव अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। आयोग द्वारा गठन में बाल-विवाह, भोजन, महिला अधिकार भी आते है। साल 2019 के सर्वे के मुताबिक करीब 86 फीसदी लोग अपने अधिकार नही जानते है तथा सबसे अधिक बुजुर्ग लोग है जो अपनी मौलिक अधिकारों से वंचित है।
    इस अवसर पर विष्णु चन्द्र वैश्य, विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो कोर्ट, शरद कुमार चौधरी, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं समस्त न्यायिक अधिकारीगण तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण जयप्रकाश राम, वरिष्ठ लिपिक, ईश्वर दयाल भारती व अवधेश शर्मा, कनिष्ठ लिपिक जयप्रकाश कुशवाहा, डाटा एंट्री ऑपरेटर अरविन्द कुशवाहा,बृजेश कुमार व विजय कुमार सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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