आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रतियोगिता

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा केंद्रीय विद्यालय गाज़ीपुर के संयुक्त तत्वाधान में हुई आयोजित

गाजीपुर। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को संपूर्ण भारत में आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। पूरे देश में आयोजित हो रहे विविध कार्यक्रमों की कड़ी में केंद्रीय विद्यालय गाजीपुर में, क्षेत्रीय कार्यालय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सौजन्य से एक विचार गोष्ठी तथा निबंध लेखन प्रतियोगिता सम्पन्न हुई।
    कार्यक्रम का शुभारंभ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक एवं उप क्षेत्र प्रमुख इस्तियाक अरशद ने दीप प्रज्वलन कर किया तत्पश्चात विद्यालय के प्राचार्य मुकेश कुमार वर्मा ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के राजभाषा अधिकारी व सदस्य सचिव नराकास, गाजीपुर, अनुराग कुमार सिंह ने सभी को आज के कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राजभाषा हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक अमित आनंद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव के महत्व को रेखांकित किया। संगोष्ठी के उपरांत विद्यार्थियों के लिए दो वर्गों में निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें कक्षा 6 से 9 के लिए निबंध का विषय था “स्वच्छ भारत अभियान” तथा “वन संरक्षण” वहीं द्वितीय वर्ग अर्थात कक्षा 10 से 12 वीं के निबंध का विषय था –  “आत्मनिर्भर भारत” तथा “कोविड-19 महामारी का देश पर प्रभाव” ।              
      प्रतियोगिता में विद्यालय के लगभग 300 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में   कनिष्ठ वर्ग में अर्चिता यादव प्रथम, विवान यादव द्वितीय तथा मोहम्मद मोआज जकी को तृतीय स्थान तथा वरिष्ठ वर्ग में लकी पाल प्रथम, शुभांगी सिंह द्वितीय, तथा अग्रिमा सिंह को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
    सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल आयोजन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, क्षेत्रीय कार्यालय गाजीपुर के क्षेत्र प्रमुख कमलेश प्रसाद सिंह के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक डॉक्टर पुरुषोत्तम मिश्रा, बैजनाथ प्रसाद, अवशेष प्रकाश, जितेंद्र तिवारी, धनराज मित्तल, शिवप्रकाश, हरे राम शर्मा, आलोक पटेल, पूर्णिमा वर्मा सहित अन्य अनेक शिक्षक शिक्षिकाएं तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के हिंदी शिक्षक नीरज राय ने किया।

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