सुलभ श्रीवास्तव की मौत है निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता पर हमला

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की दुर्घटना में मौत नहीं बल्कि यह निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता पर हमला है।
  जर्नलिस्ट कौंसिल आफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार डा.ए.के.राय ने पत्रकार शुलभ श्रीवास्तव की मौत को शराब माफियाओं द्वारा पूर्व नियोजित साजिश बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ।
   उन्होंने कहा कि आज पत्रकार को सच का सामना कराने पर पर धमकियां मिलने लगती हैं और विरोध करने पर, उल्टा पत्रकार पर ही आरोप लगने शुरू हो जाते है परिणामस्वरूप दबंगो के हौसले और बुलंद हो जाते है। यदि पत्रकार ही सुरक्षित नहीं रहेगे तो लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ कैसे निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपने काम को अंजाम दे पायेगा।
       उल्लेखनीय है कि गत 13 जून को प्रतापगढ़ के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की सड़क हादसे मे मौत हो गयी जबकि उनकी पत्नी ने इसे निर्मम हत्या बताया। उन्होंने कहा कि घटना से पहले सुलभ श्रीवास्तव द्वारा चलाई गयी खबर से बौखलाए शराब माफियाओं ने उन्हे जान से मारने की धमकी दी थी। अपनी सुरक्षा के लिए सुलभ श्रीवास्तव ने पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिया था। पुलिस ने उनके आवेदन पर संज्ञान नहीं लिया और अंततः सुलभ श्रीवास्तव के साथ यह घटना घटित हो गई।
       जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुलभ श्रीवास्तव की मौत की घोर भर्त्सना करते हुए उनके परिजनों को ₹50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता, घटना की निष्पक्ष जांच तथा अविलंब अपराधियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की मांग प्रदेश के मुखिया माननीय योगी आदित्यनाथ से की है।
      जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज प्रदेश में पत्रकारों के साथ तमाम उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं।इसके चलते कई पत्रकार साथियों की अपराधियों ने इह लीला समाप्त कर दी है। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए देश व प्रदेश में कोई कानून नहीं है। संगठन देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी व राज्य के माननीय मुख्यमंत्रियों से आगे कदम बढ़ाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की पुन: मांग करता है। जिससे देश के पत्रकार अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके और निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता कर सके।

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