पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र के लिए घातक

पत्रकारों के साथ मारपीट अति निंदनीय – जेसीआई

लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ इतना कमजोर क्यो?

लखनऊ। लोकतंत्र में पत्रकारों की विशेष भूमिका है। शासन प्रशासन के कार्यों की जानकारियां सुधि पाठकों तक पहुंचाना और जनता की आवाज को शासन प्रशासन तक पहुंचाना पत्रकार का पुनीत कार्य है। इसके लिए जनप्रतिनिधि से प्रश्न करना पत्रकार का अधिकार है जिसे रोका नहीं जा सकता। इस क्रम में जनप्रतिनिधि के सामने ही पत्रकार के साथ अभद्रता व मारपीट करना पूरी तरह असंवैधानिक,अशोभनीय और निंदनीय है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक जनप्रतिनिधि के सामने ही पत्रकारों के साथ की गयी अभद्रता व मारपीट की घटना की जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने कड़ी निन्दा की है।

जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि जनप्रतिनिधि के सामने पत्रकारों के साथ हुई इस घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एकजुट रहकर ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा को बचाया जा सकता है। उन्होंने सभी पत्रकारों से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों का खुलकर विरोध करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो सके।
उन्होंने कहा कि समाज के सामने सच्चाई को उजागर करना और समाज की बात सरकार तक व सरकार की बात समाज तक पहुंचाना ही पत्रकार का मौलिक अधिकार और दायित्व है, फिर उसकी सुरक्षा को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग पत्रकारों के संगठन लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन सरकारे इस पर मौन साधकर इसे नजर अंदाज कर रही है जो पत्रकार हित में नहीं है। अब समय आ गया है कि पत्रकारो की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार अब ठोस कदम उठाये।
अनुराग सक्सेना ने पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया व डिजिटल मीडिया के पत्रकार साथियों का आह्वान किया है कि ऐसी घटना के विरोध हेतु सभी पत्रकार साथी एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज करायें ताकि इस तरह की घटनाओं पर विराम लग सके।

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