आपदा! उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही

जोशीमठ से करीब 26 किलोमीटर दूर बांध टूटा, गंगा अलकनंदा के किनारे हरिद्वार तक एलर्ट

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में दोपहर में करीब ग्यारह बजे हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी है। इसके चलते तपोवन ऊर्जा परियोजना सहित कई पूल टूट गये हैं। इससे करीब डेढ़ दर्जन गावों से सम्पर्क टूट गया है। इसके कारण भारी जन धन हानि हुई है। एनटीपीसी की पूरी इकाई ध्वस्त होने की खबर है। इस आपदा में सैकड़ों लोगों के लापता होने की आशंका है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार, रैणी गांव में कम से कम तीन पुलों के ढहने के कारण बल की कुछ सीमा चौकियों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। जो पुल ढहे हैं, उनमें से एक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का भी है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने दिल्ली में कहा, “तपोवन के परियोजना स्थल प्रभारी तथा स्थानीय प्रशासन के मुताबिक बैराज पर काम कर रहे लोगों और एक सुरंग में काम कर रहे लोगों के लापता होने की आशंका है। अब तक दस लोगों के शव मिल गए हैं।”
उन्होंने बताया कि अभी बचाव काम में आईटीबीपी के 250 से अधिक जवान लगे हैं।पांडेय ने कहा कि सुरंग में करीब 16-17 श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें बचाने के लिए बचाव दल मलबा हटा रहे हैं।

उत्तरखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि चमोली जिले से आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने का आदेश दिये हैं। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।
लखनऊ से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों एवं एसडीआरएफ को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।

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