प्रकाश पर्व दिपावली का त्यौहार, लाये जीवन में खुशियां अपार

वाराणसी। हिन्दू समाज में त्योहारों का महत्वपूर्ण स्थान है और उसमें प्रकाश पर्व दिपावली को विशेष महत्व दिया गया है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। इस त्योहार को दीपोत्सव के नाम से भी जाना जा सकता है, क्योकि इस दिन लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं। इस त्योहार को हिन्दू समाज के लोगों के अतिरिक्त इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। वैसे तो हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक कोई भी पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं होती और दिपावली दीपकों का ही त्यौहार है। यह नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा को नयी गति प्रदान करता है। चारों तरफ फैली रोशनी से प्रकृति में सकारात्मक ऊर्जा की बढ़त होती है और प्रकृति नये रुप में निखर कर पोषण हेतु धन धान्य प्रदान करती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार यह त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र के अपने चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में लोगो में अपने घरों में घी के दीये जलाये थे और तब से ये प्रथा आज तक चली आ रही है।
दिपावली प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की सबसे अंधेरी रात अमावस्या को मनायी जाती है।
इस वर्ष दिपावली का पावन पर्व आज 14 नवम्बर को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जायेगा।
दिवाली के दिन घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें। विशेषकर मुख्य द्वार को बहुत अच्छी तरह से साफ करनी चाहिए। इसके बाद मुख्य द्वार पर हल्दी का जल छिड़कना चाहिए। पूजन में भगवान गणेश को दूब-घास और मां लक्ष्मी को कमल का पुष्प चढ़ाना चाहिए। ये वस्तुएं दोनों देवी-देवता को अत्याधिक प्रिय हैं। घर के बाहर रंगोली अवश्य बनाएं। रंगोली को शुभ माना जाता है।
आज लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ समय- दिवाली पर इस बार बहुत ही उत्तम योग बन रहा है।
आज 14 नवंबर शनिवार को दीपावली पर स्थिर लग्न में लक्ष्मी कुबेर का पूजन किया जाएगा। दीपावली पर शनि स्वाति योग से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। यह योग सुबह से लेकर रात 8:48 तक रहेगा। दिवाली सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ग्रहों की स्थिति भी बहुत उत्तम है। शुक्र बुध की राशि कन्या में, शनिदेव स्वराशि मकर में,राहु शुक्र की राशि वृष में तो केतु मंगल की राशि वृश्चिक में है। इस दिन सूर्य तुला राशि में,चंद्रमा शुक्र की राशि तुला में, पराक्रम कारक ग्रह मंगल गुरु की राशि मीन में, बुध शुक्र की राशि तुला में हैं। दिवाली का पूजन स्थिर लग्न में करना अच्छा होता है।
स्थिर लग्न में पूजन महूर्त –
वृषभ- सायं 5:30 से 7:30 के मध्य
सिंह – रात 12:00 से 2:15 के मध्य

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