मानव ही होता है भजन पूजन का हिस्सा, धर्ममय जीवन ही मनुष्य को अन्य प्राणियों से अलग करता है

गाजीपुर,21 मार्च 2020। कासिमाबाद के बहरामपुर वेद बिहारी के पोखरे पर मानव धर्म प्रसार प्रवर्तन समाजसेवी संस्था के 17वे वार्षिक सम्मेलन व चतुर्थ श्री सीताराम नाम मानवता अभूदय यज्ञ में चल रहे नौ दिवसीय संगीत मय श्रीराम कथा के छठे दिन शनिवार को कथा में संत दया रामदास ने कहा की कुछ भी बनने से पहले मानव बनना जरुरी है। सत्य, न्याय, धर्म की स्थापना के बगैर संसार का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि संत गंगा दास बाबा हमेशा गरीबों और दुखियों को न्याय दिलाने के बारे में सोचा करते थे, वे कहा करते थे कि अमीर लोग तो पैसे के बल पर खरीदारी कर लेंगे परन्तु गरीबों का सुनने वाला कौन रहेगा, इसीलिए गांव में एक संगठन बनाकर इनकी न्याय दिलाने की व्यवस्था होनी चाहिए। कथा में राघवाचार्य राहुल महाराज ने कहा कि हम जीव विशेषकर मनुष्य शरीरधारी ही भजन करने का अधिकारी होता है, मनुष्य के अलावा अन्य जीव केवल भोग के लिए संसार में आते हैं। भय, मैथुन,आहार एवं नींद मनुष्य में है और पशु में भी है, लेकिन धर्ममय जीवन मनुष्य को अन्य प्राणियों से अलग होने का एहसास कराता है। यदि हम मनुष्य शरीर धारी केवल, खाने पीने, संतानोत्पत्ति और नींद में ही अपने जीवन को खफा देंगे तो देवदुर्लभ मनुष्य योनि प्राप्त करने का मौका फिर शायद ही कभी मिल पावे। सत्संग में रामाधार दास महाराज कोकिल पुष्प महाराज ने भी कथा अमृत पान कराया। आदर्श रामलीला समिति के अध्यक्ष रामनरेश व बलवंत द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। कथा मंच का संचालन जय प्रकाश दास ने किया।

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