अयोध्या मामला ! जमीयत के आरोप को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया खारिज

लखनऊ, 19 सितम्‍बर 2019। उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड ने अयोध्‍या मामले में अपने उपर लगाये जमीयत उलमा-ए-हिन्‍द (महमूद मदनी गुट) के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने आज बयान जारी कर कहा कि बोर्ड द्वारा बाबरी मस्जिद मामले पर अपने रुख में ढिलाई बरते जाने की खबरें बिल्कुल गलत और निराधार हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड को शीर्ष अदालत में मामले की पैरवी कर रहे अपने वकीलों की टीम पर पूरा भरोसा है और वह हमेशा उनके शुक्रगुजार रहेंगे।
फारूकी ने बताया कि बोर्ड न्यायालय में उसकी पैरवी कर रहे वकीलों को नहीं बदल रहा है। जमीयत के जो लोग ऐसे इल्जाम लगा रहे हैं, उन्हें वह जानते तक नहीं हैं। वह सिर्फ अरशद मदनी की अगुवाई वाली जमीयत के लोगों को जानते हैं, जो इस मामले में पक्षकार भी हैं।
उल्लेखनीय है कि जमीयत उलमा—ए—हिन्द के महमूद मदनी वाले गुट के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी ने कल लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड अदालत में मजबूती से पक्ष रख रहे वकील शकील सैयद को हटाकर शाहिद रिजवी को पैनल में शामिल करने की कोशिश कर रहा है, जबकि रिजवी की इस मामले में भूमिका शुरू से ही संदिग्‍ध रही है। आगे उन्होंने कहा कि हाल के कुछ दिनों में सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी की तरफ से जो रवैया अपनाया गया उससे पूरी कौम चिंतित है। अगर उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला तो जमीयत को बोर्ड के कार्यालय के सामने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। फारूकी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकीलों के पैनल में शाहिद रिजवी पहले से ही शामिल हैं, लिहाजा अब कोई सवाल ही नहीं उठता।
उल्लेखनीय है कि उच्‍चतम न्‍यायालय में मुस्लिम पक्ष के वकीलों में शामिल ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्‍ठ सदस्‍य जफरयाब जीलानी ने बुधवार को बताया था कि सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड ने शीर्ष अदालत में मुसलमानों का पक्ष रख रहे ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ शकील अहमद सैय्यद के स्‍थान पर शाहिद रिजवी को पैनल में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की है।
जीलानी ने कहा था कि शाहिद रिजवी ने शकील सैय्यद के पास अनापत्ति के लिये वकालतनामा हस्‍ताक्षरित करने के वास्‍ते भेजा था, मगर उन्‍होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि उच्‍चतम न्‍यायालय की इजाजत के बगैर वह ऐसा नहीं कर सकते।

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