निधन ! नहीं रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

नई दिल्ली,07 अगस्त 2019।भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में कल रात एम्स में निधन हो गया। कल शाम 9 बजे सीने में दर्द की शिकायत के बाद रात दस बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकीय देखरेख के बीच ही रात सवा 11 बजे के करीब उनका निधन हो गया।सुषमा स्वराज ने करीब तीन घंटे पूर्व ही आर्टिकल 370 हटने के बाद ट्वीट किया था।

उल्लेखनीय है कि सुषमा स्वराज लंबे अर्से से बीमार चल रही थीं और उनका गुर्दा प्रत्यारोपण भी हुआ था।अपनी बीमारी की वजह से ही उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। वर्ष 2014 में सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का प्रभार मिला था। बीजेपी के शासन के दौरान वे दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं, उन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी मिला था।

कीर्तिमान
14 फरवरी 1952 को अम्बाला में जन्मीं सुषमा स्वराज के नाम कीर्तिमानों की लम्बी फेहरिस्त है।राजनीति में आने से पहले सुषमा स्वराज ने सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के पद पर भी काम किया। वर्ष 1977 में मात्र 25 साल की उम्र में वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्हें 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे आठ अहम मंत्रालय मिले थे, उसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं। उन्हें राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त था। इसके अलावा सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की पहली महिला नेता रहीं।
इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था। बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं। वे सात बार सांसद भी बनी थीं।साल 2014 में बीजेपी के सत्‍ता में आने पर सुषमा स्‍वराज विदेशमंत्री बनीं। इस पद को संभालने के बाद से ही जब कभी भी विदेश में रह रहे किसी भारतीय को मदद की जरूरत पड़ी, सुषमा स्‍वराज ने हर मुमकिन कोशिश की। उन्‍होंने कई बार विदेशों में फंसे भारतीयों को सकुशल घर वापसी कराई है।
सुषमा स्वराज को कल रात गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत काफी नाज़ुक रही। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एम्स पहुंचे थे। स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य नेताओं ने शोक जताया है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया- भारतीय राजनीति में एक शानदार अध्याय का समापन हो गया। भारत ऐसे नेता के निधन पर शोक व्यक्त करता है, जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और गरीबों के जीवन को समर्पित किया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं। आप अपने जनसहयोग और राष्ट्र उत्थान के कार्यों के माध्यम से देश और दुनिया के लोगों के दिलों में सदैव जिंदा रहेंगी। विनम्र श्रद्धांजलि!’
महाराष्ट्र सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा, ‘फूल नही चिंगारी है ये भारत की नारी है’, इस नारे को बदल कर “फूल भी है चिंगारी है ये भारत की नारी है’ करनेवाली हमारी फूल सी कोमल और चिंगारी सी तेजस्वी नेता आज हमें छोड़ कर चली गई। तीव्र दुख और वेदना का भाव हैं शब्द नहीं मेरे पास’
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘सुषमा स्वराज जी के निधन की ख़बर बेहद दुखद है. भारतीय राजनीति में उनका योगदान अमर रहेगा. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे’
आज श्रीमती सुषमा स्वराज जी का पार्थिक शरीर प्रातः 11 से 1 बजे तक केन्द्रीय कार्यालय 6-ए, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दर्शनार्थ रखा जायेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजनीति की सशक्त हस्ताक्षर श्रीमती सुषमा स्वराज जी का जाना इस राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें सद्गति तथा राष्ट्र को इस असह्य दु:ख को सहने की सामर्थ्य प्रदान करें।

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