जेल में हत्या! माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल में मारी गोली

लखनऊ (उत्तर प्रदेश),09 जुलाई 2018।झांसी जेल से कल बागपत जेल पहुंचाये गये जौनपुर निवासी माफिया डॉन कुख्यात गैंगस्टर प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जिला जेल में आज सुबह लगभग 6 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गयी। वह जौनपुर के पूरे दयाल कसेरू के मूल निवासी थे।बसपा के पूर्व विधायक लोकेंद्र दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में मून्ना बजरंगी की आज बागपत कोर्ट में पेशी थी। जिसके लिए रविवार को उनको झांसी जेल से बागपत जेल लाया गया था। गोली कैसे चली अभी यह स्पष्ट जानकारी नही हो पाई है। सूत्रों का कहना है कि जेल में बंद बदमाश ने गोली मारी है। यह भी कहा जा रहा है कि कई बन्दी गोली चलाने में शामिल थे।मुन्ना बजरंगी पर सरकार द्वारा 7 लाख का इनाम घोषित था। मुन्ना बजरंगी को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का खास माना जाता रहा है। 2014 में वह मड़ियाहूं विधानसभा से अपना दल से चुनाव भी लड़ा था। मुन्ना बजरंगी को 1997 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था जो कुछ दिन बाद जमानत पर छूटकर फरार हो गया था। बाद में 2004 में दिल्ली पुलिस के एक एनकाउंटर में मुन्ना बजरंगी को गोली लगी तब वह बच गया। बाद में उसे यूपी पुलिस ने अपने कस्टडी में लिया और तब से वह जेल में था। उन पर मुहम्मदाबाद गाजीपुर के भाजपा विधायक कृष्णा नंद राय की हत्या के आरोप सहित दर्जनों संगीन वारदातों का आरोप था। मुन्ना बजरंगी का नाम जरायम की दुनिया मे तब प्रकाश में आया जब 1995 में जौनपुर के जमालपुर बाजार में ब्लाक प्रमुख कैलाश दुबे और जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह की ए के 47 से हत्या हुई थी । इसके पहले भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करने का आरोप लगा था। माफिया डॉन प्रेमप्रकाश उर्फ़ मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद विरोधी दल ने उठाया योगी सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल, कहा योगीराज में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिन्तनीय है।
ज्ञातव्य है कि मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने लखनऊ में 29 जून को एक प्रेसवार्ता कर अपने पति की हत्या की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि यूपी की एसटीएफ और कुछ सफेदपोश नेता एनकाउंटर या जेल में हत्या करने साजिश कर रहे है। उन्होंने खाने में जहर देने की भी आशंका व्यक्त की थी ।उन्होंने समुचित सुरक्षा की मांग मुख्यमंत्री से की थी। इसके बावजूद जेल में हत्या हो जाने से पुलिस और प्रशासन कठघरे में आ गया है। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव गृह ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। विचारणीय प्रश्न यह है कि जेल के भीतर हत्या के लिए असलहा कैसे पहुँचा।

हत्या की सूचना के बाद बागपत जेल पुलिस छावनी मेन तब्दील हो गया है और पुलिस महकमा जांच में लगा हुआ है। उसे तन्हाई बैरक में कुख्यात बदमाश सुनील राठी ओर विक्की सुंहेड़ा के साथ रखा गया था।

जेल में माफिया डॉन की हत्या से अधिकारियों में हड़कंप मच गया । घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जेल पहुंचे और घटना का जायजा लिया। इस बीच लखनऊ में राज्य के पुलिस उपमहानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) प्रवीन कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच हत्या में कुख्यात अपराधी सुनील राठी का नाम सामने आ रहा है। सुनील राठी यूपी के साथ उत्तराखंड में सक्रिय है। सुनील की मां राजबाला छपरौली से बसपा से चुनाव लड़ चुकी है।

इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलर को निलंबित कर दिया है और न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने कहा, जेल परिसर के अंदर होने वाली ऐसी घटना एक गंभीर बात है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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