गबन ! निलम्बित ग्राम पंचायत अधिकारी ने एक बार फिर किया सरकारी धन का बंदर बांट

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश), 17 अप्रैल 2018 । एक तरफ जहां प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त विकास कार्य का नारा देकर लोंगो को जागरूक करने में लगी है वहीं भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने में असफल साबित हो रही है। येन केन प्रकारेण आज भी ऐसे लोग पूर्व की भांति अपने कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए हैं।इसका ज्वलन्त उदाहरण गत दिनों देखने को मिला जहां निलम्बित ग्राम पंचायत अधिकारी ने सारे आदेशों को धता बताते हुए एक बार फिर सरकारी धन को उड़ा दिया है। इस सम्बंध में बताया गया है कि निलंबित ग्राम पंचायत अधिकारी राधेश्याम यादव द्वारा ग्राम प्रधानों के सहयोग से विभिन्न खातों से करीबन 22 लाख रूपयों की हेराफेरी की जानकारी प्रकाश में आयी है। बताया गया कि राधेश्याम यादव को जिला पंचायत राज्य अधिकारी ने मरदह ब्लाक के डंडापुर ग्राम में वर्ष 2014-15 के शौचालय निर्माण में 12 लाख रूपये गबन करने के आरोप में गत 6 अप्रैल 2018 निलंबित कर दिया। वर्तमान समय में वे भदौरा ब्लाक के अंर्तगत ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात थे जहां उनकेे निलंबन का पत्र 11 अप्रैल को रिसिव करा दिया गया था। निलम्बन की तिथि से लेकर निलंबन आदेश लेने के मध्य एक सप्ताह के भीतर ही ग्राम पंचायत अधिकारी राधेश्याम यादव ने चालाकी से विभिन्न ग्राम पंचायत के निधि से लगभग 21 लाख 50 हजार 770 रूपये की निकासी कर ली। इसी क्रम में बताया गया कि गोडसरा ग्राम पंचायत निधि के यूनियन बैंक भदौरा के खाता नं. 601002010005974 से विभिन्न मदों में ढाई लाख रूपये उतार लिये। गोड़सरा निवासी मो. राशिद खां ने उक्त जानकारी से शासन प्रशासन को अवगत कराते हुए न्यायोचित कारर्वाई की मांग की है।

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