बांदा से गाज़ीपुर पहुंचा मुख्तार अंसारी का शव

गाज़ीपुर । बांदा जेल में कैद की सजा भुगत रहे मऊ के पूर्व विधायक और आईएस 191 के माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की गुरुवार 28 मार्च 2024 की रात करीब साढ़े आठ बजे मौत हो गयी थी। इसकी जानकारी मिलते ही गाज़ीपुर के मुहम्मदाबाद स्थिति पैतृक आवास पर शोक की लहर फैल गयी। मुख्तार अंसारी के परिजन उनके मौत की जानकारी मिलते ही बांदा के लिए निकल गये।                                                     बताते चलें कि मुख्तार अंसारी की तबीयत  सोमवार 25 मार्च की आधी रात के बाद बिगड़ने पर उसे इलाज हेतु बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया था। भयंकर कब्ज और पेट दर्द के कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती कर चिकित्सा शुरु की गयी। करीब चौदह घंटे आईसीयू में रहने और स्थिति सामान्य होने पर उसे फिर बांदा जेल भेज दिया गया था। इसके बाद बुधवार 27 मार्च की सुबह मुख्तार अंसारी को शौच नहीं हुआ और दोपहर करीब साढ़े तीन बजे उसने पुनः पेट दर्द की शिकायत की। जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल से फिजिशियन और एक सर्जन को बुलाया। चेक अप के बाद चिकित्सकों ने मुख्तार को एनिमा देकर शौच कराया और स्थिति सामान्य होने पर वापस चले गये। गुरुवार 28 मार्च 2024 की शाम उसे फिर से दर्द होने लगा होने और वह बेसुध हो गया। उसकी स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ उसे पुनः मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जहां चिकित्सकों की टीम उपचार में रही परन्तु मुख्तार की सांसें थम गयी। चिकित्सकों ने उसकी मौत का कारण हृदयाघात बताया।           उल्लेखनीय है कि अभी कुछ समय पूर्व ही वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने न्यायालय में जेल प्रशासन पर धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। 19 मार्च को मिले खाने में उसने स्लो प्वाइजन देने का आरोप लगाया था। बताया गया कि पिछले एक सप्ताह से मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब चल रही थी‌। सोमवार की आधी रात के बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया था। मंगलवार की सुबह आठ बजे अस्पताल की मेडिकल बुलेटिन में बताया गया था कि 62 वर्षीय माफिया सरगना को सुबह 3:55 बजे जिला जेल से लाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उस समय मुख्तार अंसारी के पेट में तेज दर्द हो रहा था। उनका लैट्रिन पास नहीं हो रहा है। वह इस समस्या से चार – पांच दिनों से पीड़ित था।       

              मुख्तार अंसारी की मौत की सूचना के बाद शासन द्वारा पूरे प्रदेश में धारा 144लागू कर प्रशासनिक अमले को सतर्क कर दिया ताकि कहीं कोई अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो। मुख्तार अंसारी के गृह जनपद गाज़ीपुर के मुहम्मदाबाद क्षेत्र स्थित उनके आवास तथा पूरे क्षेत्र में पुलिस तथा प्रशासन सतर्क रहा।  

         बांदा मेडिकल कॉलेज में हृदयाघात से मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनके परिजनों से उसे जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। वहीं  कई राजनीतिक दलों ने घटना के मजिस्ट्रेटियल जांच की मांग उठाई थी ताकि मौत के वास्तविक तथ्य सामने आ सकें। इस पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवान दास गुप्ता ने मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह को निर्देश दिया । इसके साथ ही प्रशासन को मुख्तार अंसारी की चिकित्सा समेत सभी जानकारियां तीन दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जांच अधिकारी समस्त तथ्यों सहित जांच रिपोर्ट एक माह में सौंपेंगे।

          शव को गाज़ीपुर जिले के मुहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक करने की जानकारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक वाराणसी ओमप्रकाश सिंह, जिलाधिकारी आर्यका अखौरी तथा पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने कब्रिस्तान का दौरा कर वहां की स्थिति पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया। शुक्रवार 29 मार्च को चिकित्सकों की टीम द्वारा उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया। उसके उपरांत शाम को                    मुख्तार अंसारी के शव के साथ एम्बुलेंस गाज़ीपुर के लिए निकली ‌ शव के साथ गाड़ियों का लम्बा काफिला रहा। शव के साथ परिजनों के देर रात गाज़ीपुर पहुंचने की बात कही गई । शनिवार को नमाज के बाद उसे सुपुर्द ए खाक किया जायेगा।

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