नववर्ष की पूर्व संध्या पर कवियों ने बिखेरा जलवा

दुल्लहपुर(गाजीपुर)। ब्राह्मण युवा एकता मंच खड़ौरा के तत्वावधान में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर जन गण मन की सद्बुद्धि एवं वैचारिक मतभेद के शमन के लिए रामचरितमानस के सुंदर काण्ड का संगीतमय पाठ सम्पन्न हुआ। तदोपरांत एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ।जिसमें चर्चित कवियों ने भाग लिया। काव्य गोष्ठी का प्रारंभ वरिष्ठ कवि दिनेश चंद शर्मा के वाणी बंदना “नव वर्ष का अभिनंदन मां शारदे साकार करना।
टूटे नफरत की दिवारें ,हर किसी में प्यार भरना” से हुआ।वीर रस के प्रख्यात युवा कवि पंकज प्रखर ने नव वर्ष की चाह मे अपने मन बात रखते हुए कहा कि
“दिन गया जो फिर ना लौटे आगे कुशल हो कामना। मातृभूमि के लिए हो सदा सुधि साधना”
इसी कड़ी में गौरीशंकर पाण्डेय सरस ने बीत रहे साल की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए कहा”टीस मन का आंसुओं में बहा गया पुराना साल। कर्म से बेशर्म भी कहा गया पुराना साल।।तखलीफ दिल का कितना सुनाएं सरस, खुशी कम ज्यादा ग़म दे गया पुराना साल।।

चर्चित कवि और गीतकार विजय कुमार मधुरेश ने कहा कि”बीत गया है साल पुराना, फिर भी है सत्कार। नया वर्ष लेकर आया खुशियों का भण्डार।। श्रृंगार के नवोदित युवा कवि विनय विश्वात्मा ने नव वर्ष से ढेरों आशाएं और अपेक्षाएं अपनी रचना के माध्यम से परोसते हुए कहा कि “बाग बगीचों में हरियाली, खुशनुमा खेत खलिहान होगा। कोकिला के कंठ से वंदेमातरम् गान होगा।”कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित चंद्र कुमार पाण्डेय तथा संचालन विनय विश्वात्मा ने किया।इस मौके पर अजय कुमार पांडेय मोती लाल पाण्डेय, उपेन्द्र नाथ पाण्डेय, श्यामसुंदर पाण्डेय, दीपक कुमार पांडेय,सरोज कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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