रिश्वत खोरी ! बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले, चौकी प्रभारी रंगेहाथ गिरफ्तार

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),15अक्टूबर 2019। सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद सरकारी कर्मचारियों द्वारा आज भी घूसखोरी के बल पर कानून व्‍यवस्‍था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।कई विभागों के कर्मचारी घुसखोरी के आरोप में जेल जा चुके हैं फिर भी घूसखोरी की लत उनका पीछा नहीं छोड़ रही है। पुलिस विभाग इसमें सबसे आगे है। इसका जीता जागता उदाहरण आज शादियाबाद थाने की हंसराजपुर पुलिस चौकी प्रभारी का रहा। वहां चौकी प्रभारी रामबिराज सिंह को आज एंटी करप्‍शन वाराणसी की टीम ने सायं 5 बजे शादियाबाद थाना क्षेत्र के कटघरा बाजार से धर दबोचा।
मिली जानकारी के अनुसार शादियाबाद थाने के हंसराजपुर चौकी प्रभारी रामबिराज सिंह ने क्षेत्र के हरदासपुर काशी निवासी रुदल कुमार से मारपीट के एक मामले में चिकित्सकीय जांच के आधार पर जांच में धाराएं बढा़ने के लिए बीस हजार रुपये मांगे थे। रुदल कुमार ने चौकी प्रभारी से इतनी बड़ी धनराशि दे पाने में असमर्थता जताई थी। चौकी प्रभारी बगैर पैसा लिए धारा बढ़ाने को तैयार नहीं थे और उनकी नाजायज मांग से रुदल तंग आ गया। अन्ततः आजिज आकर रुदल ने इसकी शिकायत वाराणसी एंटी करप्‍शन विभाग में की। मामले को संज्ञान में लेते हुए, पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार एन्टी करप्शन की टीम सुरेन्द्र नाथ दूबे के नेतृत्व मे संतोष कुमार दीक्षित,ओमप्रकाश यादव, नरेंद्र कुमार सिंह, विजय नारायण प्रधान, सुनील कुमार यादव के साथ टीम आज रुदल के गिट्टी बालू की दुकान कटघरा बाजार में पहुंची।रुदल के बुलाने पर चौकी प्रभारी रामबिराज सिंह करीब पांच बजे उसकी दुकान पर पहुंचे। रुदल ने जब केमिकल युक्त बीस हजार रुपये चौकी प्रभारी रामबिराज सिंह को दिया और जैसे ही उन्होंने रुपया जेब में रखा,तभी एंटी करप्‍शन टीम के प्रभारी सुरेंद्रनाथ दूबे व उनकी टीम ने उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया। जब टीम ने चौकी प्रभारी का पानी से हाथ धुलवाया तो पानी का रंग गुलाबी हो गया। एन्टी करप्शन टीम ने जेब से घूस के पैसा बरामद कर चौकी प्रभारी को अपने साथ लेकर नन्दगंज थाने पहुंची और मुकदमा दर्ज कराया है।
हंसराजपुर बाजार में इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग घूसखोर दरोगा की करनी पर थू थू कर रहे हैं।
बताते चलें कि हंसराजपुर चौकी पर इतिहास ने एक बार फिर अपने को दोहराया है। काफी वर्षों पूर्व इसी चौकी के तत्कालीन चौकी प्रभारी रमेश यादव को भी एन्टीकरेप्शन की टीम ने पांच सौ रुपये की रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया था।

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