नये कोटेधारक की नियुक्ति करने को लेकर ग्रामीणों ने कसी कमर

गाजीपुर, 01अगस्त 2019। जिले की जखनियां तहसील के धामूपुर के कोटेदार के विरुद्ध चला जन आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि जनता के विकास की दुहाई देने वाली प्रदेश सरकार में भी हमारी सुनवाई अनसुनी की जा रही है। आखिर क्या कारण है कि हर प्रकार से दोषी पाये जाने के बाद भी जिला प्रशासन उसके कोटे को निरस्त नहीं कर रहा है।

समाजसेवी व ग्रामवासी अनिकेत चौहान और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गाँव का कोटेदार नूरहसन ग्रामीणों के राशन वितरण में मनमानी करता रहा। यदि पात्र व्यक्ति कुछ कहता तो उसके साथ अभद्रता करने के साथ खाद्यान्न भी नहीं देता था। राशन कार्ड के बावजूद राशन देने में उसकी अनियमितताओं से तंग आकर कई बार ग्रामीणों ने उसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों से की।
उसके बाद ग्रामीणों ने 10 दिसंबर 2018 को उपजिलाधिकारी जखनियां के साथ ही मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल, मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन नंबर पर भी कोटेदार की शिकायत कर कोटे को निलंबित कर किसी अन्य को आवंटित करने की मांग की गई। कई बार प्रयासों के बाद एसडीएम ने जांच का आदेश दिया, जांच में अनियमितता पाई गई। जांचोपरांत अनियमितता पाए जाने पर 5 फरवरी 2019 को कोटेदार नूरहसन अहमद का अनुबंध पत्र निरस्त कर दिया गया।उसके उपरांत ग्रामीणों को एक अन्य कोटेदार विश्राम यादव के यहाँ सम्बद्ध कर दिया गया।जिससे ग्रामीणों को राशन लेने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
इसके कारण ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, कमिश्नर वाराणसी व मुख्यमंत्री को आवेदन देकर निलंबित कोटेदार नूरहसन अहमद का लाइसेंस निरस्त करते हुए गाँव में खुली बैठक कराकर गांव ही किसी अन्य पात्र व्यक्ति के नाम राशन की नयी दुकान आवंटित करने की मांग की ताकि ग्रामीणों को अपने खाद्यान्न के लिए अन्यत्र न जाना पड़े।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि अब भी हमारी समस्या का समाधान करते हुए शीघ्र नये कोटेधारक की नियुक्ति प्रशासन नहीं करता है तो फिर हम पीड़ित ग्रामीण आरपार की लड़ाई के लिए विवश होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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