महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पाण्डेय का 50वां  शहीदी दिवस मंगलवार को

गाजीपुर। आध्यात्मिक, धार्मिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक विरासत संजोये उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के गाजीपुर जनपद की उर्वरा बलिदानी धरा ने समय-समय पर ऐसे–ऐसे लाल पैदा किये हैं, जिन्होंने अपने कर्मों के बल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत भी राष्ट्र की रक्षा में अपने आप को समर्पित करनेवाले रणबांकुरों की यहां एक लम्बी फेहरिस्त है। राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र की अमर कीर्ति में चार चांद लगाने वालों में महावीर चक्र विजेता लांस नायक राम उग्रह पाण्डेय का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है।
     जिले के वर्तमान जखनियां तहसील क्षेत्र के एमावंशी गांव के किसान हरख नन्दन पाण्डेय व उनकी पत्नी श्यामरथी देवी की संतान के रूप में राम उग्रह पाण्डेय ने एक जुलाई 1942 को जन्म लिया था। प्रारम्भिक शिक्षा गांव में पूरी करने के उपरांत उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा दी। उनकी शादी श्यामा देवी के साथ हुई थी। देशप्रेम का जज्बा लिए राम उग्रह पाण्डेय ने 31 दिसम्बर 1962 को सेना के 202 माउंट ब्रिगेड के 8 गार्ड रेजीमेंट में सर्विस नम्बर 13657079 पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।         भारत पाक युद्ध 1971 के आपरेशन कैक्टस लीली अन्तर्गत, वर्तमान के बांग्लादेश बॉर्डर पर तत्कालीन पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे पर मोरपाड़ा में वे जवान साथियों के साथ युद्ध क्षेत्र में थे। उसी दौरान 22/23 नवम्बर की रात में भारतीय सेना दलदली जमीन में फंस गई। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए सेना के उच्चाधिकारियों द्वारा अपने जवानों से स्वविवेक पर निर्णय लेने का आदेश दिया गया। इसके बावजूद वीर जवानों की टुकड़ी के साथ लांस नायक राम उग्रह पांडेय ने पाकिस्तानी चौकी पर धावा बोल दिया। इस दौरान उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान के तीन बंकरों को नेस्तनाबूद कर दिया। अपने बंकरों को नष्ट होता देख बौखलाई पाकिस्तानी फौज से अपने को घिरा देख, खुद कंधे पर लांचर लेकर अगले बंकर में घुसकर दुश्मन सैनिकों सहित अपने को उड़ा लिया।
    राष्ट्र रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले इस महावीर को मरणोपरांत सेना के द्वितीय सर्वोच्च पदक “महावीर चक्र” से विभूषित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति बी बी गिरी ने उनकी धर्मपत्नी श्रीमती श्यामा देवी को गणतंत्र दिवस 1972 को यह पदक प्रदान कर सम्मानित किया।


      महावीर चक्र विजेता लांस नायक राम उग्रह पाण्डेय की अमर कीर्ति को यादगार बनाने हेतु,काफी प्रयासों के बाद उनके पैतृक गांव एमावंशी में जिला प्रशासन द्वारा 3 अप्रैल 1999 को शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया,जहां 10 अप्रैल 2000 को सेना के सर्वोच्च मेडल “परमवीर चक्र” विजेता स्वर्गीय वीर अब्दुल हमीद की बेवा रसूलन बीबी द्वारा वहां शहीद प्रतिमा का अनावरण किया गया।पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा द्वारा जखनियां रेलवे स्टेशन पर उनकी मूर्ति स्थापित कर सम्मान देने का कार्य किया गया। इस शहीद स्मारक पर प्रतिवर्ष 23 नवम्बर को समारोह आयोजित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
     इस वर्ष उनका 50वां शहादत दिवस कार्यक्रम ऐमाबंशी स्थित शहीद पार्क में सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त किरण बाला चौधरी तथा विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग उपाध्यक्ष प्रभुनाथ चौहान, जंगीपुर के विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहेंगे। इस दौरान 39 जीटीसी वाराणसी छावनी के कंपनी कमांडर की भी गरिमामयी उपस्थिति में सेना के सशस्त्र जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा।

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