कविता ! “कश्मीर हमारा गौरव है”

“कश्मीर हमारा गौरव है”

आज तिरंगे ने देखो,कश्मीर से नाता जोड़ा है।
कश्मीर हमारा गौरव है,यह बच्चा बच्चा बोला है।।
देश भक्त हैं गले लग रहे, गद्दारों में सन्नाटा है।
अपना हक हासिल करके, दुश्मन को हमने रौंदा है।।

खुशी मनाओ देश में आज , फिर से आजादी आई है।
हटी तीन सौ सत्तर अब,गद्दारों की शामत आई है।।
सत्तर वर्षों से जो बिमारी थी, उसका है आज इलाज हुआ।
आजादी के रूप में देखो ,कैसी खुशहाली छाई है।।

घाटी में चलकर देखो, केसर कैसे महकी है।
आज देश के हर दिल में एक ज्वाला सी दहकी है।।
भारत माँ के वीरों ने , पौरुष अपना दिखलाया है।
देख वीरता वीरों की , दुश्मन की छाती दहली है।।

अब कश्मीर हमारा है, हर कश्मीरी हमारा भाई है।
जा कर कहदो गद्दारों से, अब उनकी शामत आई है।।
देश प्रेम का पाठ पढें ,या देश छोड़ कर भागें वो।
जरा गौर से देखो तो , घर घर खुशहाली छाई है।।

हर घर में मिष्ठान पका है, जब से खुशी यह पाई है।
जो जुदा हो गए इस हेतु , उनकी भी याद तो आई है।।
इन त्रिदेवों की जोड़ी ने, ऐसी खुशहाली सौंपी है।
कश्मीरी गलियों नें फिर से , श्रीराम की धुन सुनाई है।।

चुन चुन के अफजल को मारो, अब है उसकी खैर नहीं।
लेकिन सच्चे हिन्दूस्तानी से ,हमको है कोई बैर नहीं।।
आज सुनों ललकार वत्स की,चुप होकर न बैठेंगे।
जब तक पी.ओ.के.न ले लें हमको है तब तक चैन नहीं।।

रचनाकार – अशोक राय वत्स

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