लंबित मांगों की अनदेखी पड़ी भारी 

लेखपालों ने धरना प्रदर्शन प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन 


गाजीपुर। अपनी लम्बित मांगों के निराकरण को लेकर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर मुहम्मदाबाद लेखपाल संघ ने शनिवार को तहसील समाधान दिवस सहित सभी कार्यों का बहिष्कार कर रोष जताया। लेखपालों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को आठ सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित कर यथाशीघ्र कार्रवाई की मांग की।

               लेखपाल संघ की प्रमुख मांगों में राजस्व लेखपाल संवर्ग को तकनीकी संवर्ग घोषित करने, पदनाम बदलकर राजस्व उपनिरीक्षक करने और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक निर्धारित करने, प्रारंभिक वेतनमान को ग्रेड पे 2800 करने की मांगें प्रमुख हैं। इसके साथ ही लेखपालों ने पदोन्नति के अवसर बढ़ाने और हर पांच लेखपालों पर एक राजस्व निरीक्षक का पद सृजित करने व चार राजस्व निरीक्षकों के सापेक्ष एक नायब तहसीलदार का पद सृजित करने और इन दोनों पदों पर लेखपालों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने नायब तहसीलदार के पद पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती में से 25 प्रतिशत पद लेखपालों के लिए विभागीय परीक्षा के माध्यम से आरक्षित करने और एसीपी विसंगति को दूर करने की मांग भी प्रमुख रही। इसमें प्रथम एसीपी में 10 वर्ष की सेवा पर 2800 ग्रेड पे, द्वितीय में 16 वर्ष पर 4200 ग्रेड पे और 26 वर्ष की सेवा पर 4600 ग्रेड पे प्रदान करने की मांग शामिल है।

       इसके साथ ही संगठन ने भत्ता बढ़ाने, अंतरमंडलीय स्थानांतरण बहाल करने, वर्ष 2004 के बाद नियुक्त मृतक आश्रित लेखपालों को पेंशन स्वीकृत करने, जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण को देखते हुए लेखपालों के पदों में वृद्धि करने, साथ ही राजस्व सहायक और राजस्व चौकी की व्यवस्था लागू करने की मांग भी उठाई गई। 

       धरना-प्रदर्शन में संगठन के तहसील अध्यक्ष संतोष राय सहित, उपाध्यक्ष रविकांत सिंह, मंत्री अफसर अली, संगठन मंत्री आशुतोष सिंह, कोषाध्यक्ष नीरज कुमार, जिला मंत्री प्रवीण कुमार, आयुषी मिश्रा, प्राची दुबे, अखिलेख  कुमार, दीपक चौहान, राकेश वर्मा, महेंद्र कुशवाहा, सुनील यादव सहित अनेकों लेखपाल मौजूद रहे। 

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