वरिष्ठ साहित्यकार रामावतार का निधन 

गाज़ीपुर। हिन्दी के जाने-माने वरिष्ट साहित्यकार एवं पत्रकार रामावतार (84 वर्ष) का मंगलवार 26 नवम्बर की रात्रि में हृदय-गति रूकने से निधन हो गया। गाज़ीपुर घाट के समीप सुखदेवपुर स्थित निवास पर देर शाम सांस लेने में दिक्कत होने पर परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय ले गये जहां इलाज के दौरान मध्य रात्रि में उनका निधन हो गया। इनके दो पुत्र संजय कुमार शर्मा व अजय कुमार शर्मा है जबकि पत्नी का पूर्व में ही निधन हो गया था।                                                            बताते चलें कि वरिष्ठ साहित्यकार रामावतार की 40 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 19 उपन्यास और 21अन्य पुस्तकें शामिल हैं। उनके प्रमुख उपन्यासों में गुनाहों की देवी, आक्रोश, ढलती शाम, सड़क का आदमी और चीत्कार विशेष चर्चित रहे। वहीं प्रख्यात उपन्यासकार जैनेन्द्र कुमार से साक्षात्कार तीन खंडों में प्रकाशित है। इसके अलावा निबन्ध, संस्मरण, आलोचना और जीवनी आदि रचनाएं प्रकाशित हैं। इसके साथ- साथ रामावतार जी ने वर्ष 1969 से 1972 तक प्रख्यात उपन्यासकार जैनेंद्र कुमार के साथ लेखन किया। उन्होंने सन् 1970 में जैनेंद्र जी की वैचारिक पाक्षिक पत्रिका ‘कल्प’ का संपादन किया। सितंबर 1973 से जुलाई 1984 तक दिल्ली से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘जनयुग’ के उपसंपादक के रूप में काम। इसके उपरान्त दिसम्बर 1984 से दिसम्बर 2007 तक हिन्दी साप्ताहिक ‘गाजीपुर टाइम्स’ का प्रकाशन एवं संपादन किया और गाज़ीपुर में  बने प्रेस क्लब के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे।             उनकी साहित्यिक गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के 46वें स्थापना दिवस के अवसर पर, हिन्दी भवन लखनऊ में तीस दिसम्बर 2022 को उनकी पुस्तक “वेद और हमारा जीवन” पर गुलाब राय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 


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