26 जनवरी ! गणतंत्र दिवस

गाजीपुर,26 जनवरी 2020। विदेशी दासता की बेड़ियों से जकड़े भारतीयों में जब देश प्रेम और स्वाधीनता के जज्बातों ने अंगड़ाइ ली तो उन्होंने आन्दोलन की राह पकड़ी। हुकूमती अंग्रेजों को क्रान्तिकारी वीरों के जुनून, शहीदों की कुर्बानी और देशवासियों की स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़ती भागीदारी के चलते झुकना पड़ा और ब्रितानियों को भारत छोड़ कर जाने पर मजबूर होना पड़ा था । हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत देश को अपने संविधान की आवश्यकता महसूस हुई, तत्पश्चात राजनेताओं द्वारा संविधान सभा की घोषणा हुई और देश के लिए स्वयं का अपना संविधान बनाने का कार्य 9 दिसम्बर 1947 को आरम्भ किया था। संविधान सभा ने अथक प्रयास कर दो वर्ष, 11माह और 18 दिन में “भारतीय संविधान” का निर्माण कार्य पूर्ण किया। संविधान सभा द्वारा संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान पेश किया गया। इसीलिए 26 नवम्बर को भारत में “संविधान दिवस” की मान्यता दी गई है।
    संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को पेश किए गये संविधान में कई सुधार और बदलाव के बाद ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी 308 विद्वान सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों पर हस्ताक्षर किये थे और फिर दो दिन बाद वही संविधान कोरम पूरा करने के बाद “26 जनवरी” को देश में लागू किया गया।
      26 जनवरी का महत्व बरकरार रखने के लिएउसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली)
द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के “गणतंत्र स्वरूप” को मान्यता प्रदान की गई थी।

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