चंद्र ग्रहण ! 10 जनवरी को

वाराणसी,07 जनवरी 2020। इस वर्ष का प्रथम ग्रहण “चन्द्र ग्रहण” है,जो 10 जनवरी 2020 में लगेगा और भारत में दर्शनीय होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी होता है जब सूर्य,पृथ्वी और चन्द्रमा लगभग एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही घटित होता है। चंद्रग्रहण शुरू होने के बाद यह पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है।चंद्रग्रहण पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। चंद्रग्रहण को बिना किसी विशेष सुरक्षा के नंगी आंखों से देखा जा सकता है, क्योंकि चंद्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चंद्र से भी कम होती है। चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 37 मिनट से देर रात 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि-4 घंटे 06 मिनट की होगी। यह ग्रहण- भारत के अतिरिक्त अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान 9 घंटे पूर्व से ही सूतक काल आरंभ हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक यह जारी रहता है। ग्रहण के बाद घरों और मंदिरों की की अच्छे से साफ-सफाई और स्वयं के स्नान आदि के बाद ही पूजा-पाठ और दूसरे काम आरंभ करने चाहिए। ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए उस वक्त
भोजन व पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि अत्यंत आवश्यक हो तो भोजन व पानी में तुलसी दल डालें और उसके पास कुशा को रखें। चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें बेहद हानिकारक होती हैं जिसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। ग्रहण के दौरान मन्दिरों के कपाट बंद कर पूजा पाठ बन्द कर दी जाती है। जितना सम्भव हो जगकर अपने मन में ईश्वर का ध्यान करें।

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