भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती सामुदायिक विवाह योजना

गाजीपुर,15 नवम्बर 2019।भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से अनेकों सरकारी योजनाएं अपने वास्तविक लक्ष्य से दूर होती रही हैं। समय समय पर इनकी पोल भी खुलती रही परन्तु फिर भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सरकार सफल नहीं हो पायी है। भ्रष्टाचार के चलते ही वास्तविक पात्र व्यक्ति अभावों से ग्रसित रहता है और अपात्र उनके लाभ पर कुंडली मारकर बैठ जाते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण कल जिले के मनिहारी विकास खण्ड में आयोजित मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना में देखने को मिला। मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े के चलते चयनित 110 जोड़ो के सापेक्ष मात्र 53 जोड़ो की ही शादी सम्पन्न हो सकी।
बताते चलें कि इस विकास खण्ड में सामुहिक विवाह योजना के कार्य में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों तथा दलालों ने फर्जी व अपात्र लोगों का नाम शादी हेतु शामिल कर सरकारी धन हड़पने का खेल रचा था। गनीमत यह रही कि क्षेत्र के कुछ जागरूक लोगों को इसकी भनक लग गयी और फर्जीवाड़ा करनेवाले लोगों की मंशाओं पर पानी फिर गया। कुछ प्रवुद्ध लोगों ने इस जानकारी से जनपदीय अधिकारियों को भी अवगत कराया।
प्रमुख प्रतिनिधि योगेन्द्र सिंह का कहना रहा कि सरकारी धन का बंदरबांट नहीं होने दिया जायेगा और योजना का लाभ पात्रों को ही मिले,इसका समुचित प्रयास किया जायेगा। कल जब सामुहिक विवाह के लिए वर वधू मनिहारी पहुंचने लगे तो ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि ने शक होने पर पूछताछ करना शुरू किया तो फर्जी वरवधू बगले झांकने लगे और समुचित उत्तर नहीं दे सके। देखते देखते शादी का सपना लेकर आये ऐसे अनेकों जोड़े मंडप छोड़ पलायन कर गये। आलम यह रहा कि जहां एक सौ दस जोड़ो की व्यवस्था बनी थी वहां सत्तावन जोड़े भाग निकले।अपनी कलई खुलते देख इस कार्य में लिप्त कर्मचारियों के चेहरे फीके पड़ गये और सभी मौन साधे रहे। जब इस घटना की जानकारी जिला प्रशासन को हुई तो वह सकते में आ गया। बताते चलें कि सामुहिक शादी हेतु बीडीओ की देखरेख में पात्रों की सूची ,जांच पड़ताल के उपरांत समाज कल्याण विभाग को प्रेषित की गयी थी। वह सूची मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद समाज कल्याण विभाग को मिली। समाज कल्याण विभाग ने प्रत्येक जोड़े के हिसाब से ₹16000 की नकदी बीडीओ के खाते में भेंज दी। इस योजना के तहद प्रत्येक नवदम्पति को इक्यावन हजार रुपये की धनराशि मिलनी है। शेष ₹35000 की धनराशि वधु के खाते में भेंजी जानी थी। जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने इस घटना को संज्ञान में लेते हुए इसकी जांच हेतु मुख्य विकास अधिकारी, कोषाधिकारी व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की तीन सदस्यीय गठित कर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया है। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। लोगों का कहना है कि मनिहारी में फर्जी जोड़ो का पता चलने से तो सरकारी धन लूटने से बच गया परन्तु ऐसा भी हो सकता है कि ऐसा ही बंदरबांट अन्य ब्लॉक क्षेत्रों में भी हुआ हो। लोगों ने जिला प्रशासन तथा शासन से अनुरोध किया है कि सामूहिक विवाह योजना में चयनित लोगों की विधिवत जांच कराकर ही शादी कराई जाए अन्यथा कि यह योजना भी बंदरबांट के चलते वास्तविकता से दूर हो जायेगी।

Visits: 106

Leave a Reply