बीएसएनएल व एमटीएनएल बंदी के कगार पर

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2019। आर्थिक मंदी की मार से कई सरकारी संस्थाएं एक के बाद एक बड़े घाटे से गुजर रही हैं और केंद्र सरकार लगातार देश की उन्नति का ढिढोरा पीट रही है।
हालात यह है कि बेहतर आर्थिक व्यवस्था और विकास का दावा करनेवाली केन्द्र सरकार के कार्य काल में ही तरफ तमाम संस्थान बन्द होने के कगार तक पहुंच गई हैं। पहले जेट एयरवेज तो अब बीएसएनएल और एमटीएनएल के बंद होने की नौबत आ गई है।
बताते चलें कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए 74000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की मांग सरकार से की थी। इस मांग को वित्त मंत्रालय ने मानने से मना कर दिया। आर्थिक सहायता के अभाव में बीएसएनएल और एमटीएनएल के सिर पर बंद होने की तलवार लटकने लगी है।
बताया जा रहा है कि यदि दोनों कंपनियां बंद होती हैं तो इसकी कीमत 95000 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं आएगी। जबकि इसे आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए 74000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। 95000 करोड़ रुपए का खर्च दोनों कंपनियों के कर्मचारियों को वीआरएस देने और कंपनी पर बकाए को पूरा करने में आएगा।

Visits: 39

Leave a Reply