इजाजत ! शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के विरुद्ध सीबीआई को मामला दर्ज करने की दी स्वीकृति

नयी दिल्ली, 31 जुलाई 2019। भ्रष्टाचार की बेल अब न्यायपालिका में भी अपने पांव जमाने लगी है। न्यायपालिका में फैल रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कदम उठाते हुये प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक पीठासीन न्यायाधीश के विरुद्ध सीबीआई को मामला दर्ज करने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह प्रथम अवसर है जब सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश के विरुद्ध सीबीआई को मामला दर्ज कर जांच करने की अनुमति दी गयी है।
बताया गया कि एक निजी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश एस एन शुक्ला के खिलाफ सीबीआई को नियमित मामला दर्ज करने की इजाजत शीर्ष अदालत ने प्रदान की है।
दे दी है।
बताते चलें कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को एक पत्र लिखकर न्यायमूर्ति शुक्ला के खिलाफ नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। जांच ब्यूरो ने अपने पत्र में लिखा था कि न्यायमूर्ति शुक्ला के कथित कदाचार का तथ्य पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के संज्ञान में लाया गया था और उनकी सलाह पर न्यायाधीश और कुछ अन्य के खिलाफ प्रारंभिक मामला दर्ज किया गया था। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति के लिये लिखे पत्र में प्रधान न्यायाधीश को अपनी प्रारंभिक जांच के बारे में संक्षिप्त नोट के साथ पूरे घटनाक्रम का विवरण दिया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई द्वारा पेश पत्र और दस्तावेजों का संज्ञान लेते हुए लिखा, ‘‘मैंने इस विषय में आपके पत्र के साथ लगे अनुलग्नकों पर विचार किया। इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुये मैं जांच के लिये नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति प्रदान करता हूं।’’

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