राज्यपाल ने किया मधु अभिलाषा व हिन्द स्वराज्य का पुनर्पाठ का विमोचन

लखनऊ(उत्तर प्रदेश),21 मई 2019।प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने कल विश्वेश्वरैया हाल में आयोजित समारोह में वरिष्ठ लेखक, पत्रकार, साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष
हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ का विमोचन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ वास्तव में समाज को दृष्टि देने वाली सामयिक एवं प्रासंगिक पुस्तक है। गीता, रामायण, कुरान, बाइबिल व अन्य पुस्तकोें के बारे में अनेक लोगों ने लिखा है, पर हर लेखक के लिखने के बाद नई-नई बातें समाने आती हैं उसी प्रकार श्री दीक्षित द्वारा रचित पुस्तकों में बड़े सहज व सरल ढ़ग से नई बातें सामने आती हैं, यही उनकी विशेषता है। उन्होंने कहा कि श्री दीक्षित का लेखन सरल पर विषय गंभीर होते हैं तथा वे सन्दर्भ भी बड़े प्रमाणिक ढ़ग से प्रस्तुत करते हैं। उनकी कलम बड़ी विनम्रता और सहजता से चलती है।साहित्यिक भाषा में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले हृदय नारायण दीक्षित की अब तक 28 पुस्तकें और करीबन 5000 लेख प्रकाशित हो चुके हैं।बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक श्री दीक्षित एक अच्छे लेखक, प्रखर वक्ता और योग्य पत्रकार हैं, जो क्रांतिकारियों और विद्वानों की धरती उन्नाव से हैं,और वर्तमान समय में श्री दीक्षित विधान सभा अध्यक्ष के नाते सदन का बेहतरीन संचालन करते हैं।
अपने को एक्सिडेंटल लेखक बताते हुए श्री नाईक ने कहा कि उन्होंने अब तक केवल अपने संस्मरण पर आधारित पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ का संकलन किया है तथा इस बात को ,भंली भांति समझते हैं कि पुस्तक प्रकाशित करने में कितनी पीड़ा होती है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन ने पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ पर चर्चा करते हुए कहा कि श्री दीक्षित ने प्रस्तावना में अद्भुत बातें लिखी हैं, जो विचार करने पर मजबूर करती हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक से पूरा समाज लाभान्वित होगा।
प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप दुबे ने
पुस्तकों का परिचय दिया। अध्यक्षता कर रहे ‘राष्ट्रधर्म’ के संपादक ओम प्रकाश पाण्डेय ने भी पुस्तक पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन दूरदर्शन लखनऊ के आत्म प्रकाश मिश्र ने किया। इस अवसर पर उनके द्वारा निर्मित श्री दीक्षित के जीवन पर आधारित एक लघु वृत्त चित्र भी प्रस्तुत किया गया।

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